उज्जैन। दैनिक अग्निपथ ने अपने पूर्व में प्रकाशित समाचारों में इस बात का उल्लेख किया था कि महाकाल दर्शन ऐप के समानांतर ऐप चलाया जाकर फर्जी मैसेज जारी किए जा रहे हैं। इसका प्रमाण पिछले तीन दिनों से देखा जा रहा है। महाकालेश्वर मंदिर में फर्जी दर्शन अनुमति बेचने वाले
हार-फूल दलाल फिर से सक्रिय हो गए हैं।
उनके द्वारा महाकाल दर्शन ऐप के समानांतर ऐप बनाकर नकली और फर्जी अनुमति मैसेज जारी किए जा रहे हैं। हाल-ही में सोमवार को अलग-अलग दलों में 25 के करीब श्रद्धालुओं को फर्जी अनुमति मैसेज के साथ पकड़ा गया, लेकिन हद तो तब हो गई जब मंगलवार की शाम को शंख द्वार से लेकर निर्गम गेट तक फर्जी मैसेज धारी श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए लग गई।
दीपावली पूजन के पश्चात बड़ी संख्या में गुजरात के श्रद्धालु और उज्जैन के आसपास के शहर के श्रद्धालु आ रहे हैं और भगवान दर्शन के लिए किसी भी तरह की जोड़-तोड़ से परहेज नहीं कर रहे हैं। महाकाल दर्शन ऐप से की जाने वाली दर्शन अनुमति भी 3 दिन से फुल चल रही है, जिसके चलते श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसी को देखते हुए फर्जी मैसेज जारी करने वाले हारफूल दलाल सक्रिय हो गए हैं। उनके द्वारा ऑनलाइन मैसेज अनुमति जारी की जाकर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए शंख द्वार भेजा जा रहा है। विगत 3 दिन से मंदिर में भारी भीड़ का आलम चल रहा है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट ना खरीदकर हार-फूल दलालों के चक्कर में फंस रहे हंै और 50 और 100 रुपए में दर्शन अनुमति खरीद कर भगवान महाकाल के दर्शन के लिए प्रवेश कर रहे हंै।
सहायक प्रशासक ने संभाला मोर्चा
मंगलवार की शाम को मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल को सूचना मिली कि फर्जी मैसेज के सहारे बड़ी संख्या में श्रद्धालु शंख द्वार से लेकर निर्गम गेट तक एकत्रित हो गए हैं। श्री जूनवाल शंख द्वार पहुंचे और पर मैसेज चैक किए। मैसेज में कोई अगले दिन का था तो कोई मैसेज उसी दिन का था। लेकिन आनलाइन बुकिंग तो सुबह 9 बजे ही फुल हो गई थी, इसलिए इन सभी मैसेजधारियों को वापस लौटाया जा रहा था। इस काम के लिये मंदिर के सुरक्षाकर्मियों को भी बुला लिया गया था।
विगत 3 दिन से सेम डे बुकिंग नहीं हो पा रही है, जिसके चलते श्रद्धालुओं के पास दर्शन के लिए 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकट अथवा कम पैसों में केवल दलालों का सहारा ही रहता है। रविवार को शाम के समय ऑनलाइन बुकिंग फुल हो गई थी। दूसरे दिन सोमवार को दोपहर 1.30 बजे के लगभग ऑनलाइन बुकिंग फुल हो गई थी वही मंगलवार की सुबह 9 बजे ही ऑनलाइन बुकिंग अनुमति फुल हो जाने के कारण श्रद्धालु इधर-उधर भटक कर दलालों की शरण में पहुंच रहे थे। मंदिर के अधिकारी भी इस बात से अनजान नहीं है कि दलालों द्वारा श्रद्धालुओं को चंद रुपयों की खातिर फर्जी मैसेज बेच रहे हैं, लेकिन उनको समझ नहीं आ रहा है कि फर्जी मैसेज वाले श्रद्धालुओं का प्रवेश किस तरह से रोका जाए।
ऐप की गलती का खामियाजा
हाल ही में महाकाल दर्शन ऐप को एनआईसी द्वारा अपडेट किया गया है, ताकि हार-फूल वाले दलाल फर्जी मैसेज ना बना सकें, लेकिन जानकारों की माने तो ऐप को सही तरह से अपडेट नहीं किया गया है। बुकिंग करने के लिए श्रद्धालु जैसे ही महाकाल दर्शन ऐप खोलता है उसके सामने सेम डे बुकिंग का ऑप्शन ना खुल कर अगले दिन का ऑप्शन खुल जाता है, जिसके चलते बिना देखे श्रद्धालु बुकिंग कर लेता है। परिणाम स्वरूप प्रतिदिन प्रति स्लाट में डेढ़ सौ से 200 श्रद्धालु बेवजह की बुकिंग करा कर इसे भर देते हैं, जिसका फायदा दूसरे श्रद्धालुओं को नहीं मिल पाता है। यदि सेम डे बुकिंग का ऑप्शन तुरंत खुल जाए तो 1000 के करीबन श्रद्धालुओं को सेम डे बुकिंग का लाभ अतिरिक्त रूप से मिल सकता है।