बिजली के स्मार्ट मीटर का विरोध करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बिजली कंपनी के अफसरों ने दिया चिमनगंज थाने में आवेदन

उज्जैन। बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के विरोध में बिजली कंपनी के अफसरों का विरोध करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए बिजली कंपनी ने आवेदन दिया है। पुलिस आवेदन के आधार पर केस दर्ज कर लिया है।

वीरनगर में बिजली कंपनी के अफसर स्मार्ट मीटर लगाने गए थे। यहां मूलचंद वासवानी नामक व्यक्ति ने बिजली मीटर लगाने का विरोध किया। बाद में कांग्रेस नेता ललित मीणा समेत अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए थे। इससे विवाद की स्थिति बनने के बाद पुलिस में बिजली कंपनी की तरफ से शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का केस दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है।

बिजली कंपनी के पश्चिम डिविजन के कार्यपालन यंत्री राजीव पटेल ने बताया कि वल्लभनगर जोन के एई प्रणेश कुमार ने भी वासवानी को समझाने का प्रयास किया था, परन्तु वह इस बात पर अड़े रहे कि बिजली मीटर में खराबी क्या है, इसकी जानकारी दी जाए। जबकि पूरे शहर में मीटर लगाने का काम चल रहा है। पश्चिम डिविजन में करीब साढ़े छह हजार से ज्यादा मीटर लगाए जा चुके हैं। जबकि दोनों पश्चिम और पूर्व डिविजन को मिलाकर 14 हजार से ज्यादा मीटर उज्जैन शहर में लगाए जा चुके हैं।

सवा लाख मीटर लगाए जाने हैं। कोरोना संकट की वजह से मीटर लगाने का काम धीमा हो गया था, अब फिर से तेजी से किया जा रहा है। इंदौर, रतलाम,महू समेत सभी शहरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसलिए स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध करने का कोई मतलब नहीं है। यह एक व्यवस्था बनाई गई है।

ज्यादा बिल आने की समस्या का हल स्मार्ट मीटर

कार्यपालन यंत्री पटेल का कहना है कि शहर में स्मार्ट मीटर लग जाने से सभी तरह की समस्या का निराकरण हो जाएगा। कंपनी के साथ ही आम लोगों को भी ज्यादा बिजली के बिल आने की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। क्योंकि स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली कंपनी खपत का डाटा हासिल कर लेगी। इससे मीटर की रीडिंग में गड़बड़ी की समस्या नहीं आएगी। क्योंकि डायरेक्ट रीडिंग ली जाएगी।

कंपनी मीटर के जरिए खपत के जरिए आकलन भी कर सकेगी। अभी आकलन नहीं हो पाता है। कंपनी मीटर रीडर पर आश्रित रहती है। इससे गड़बड़ी कहां हुई पता नहीं चल पाता है। स्मार्ट मीटर लगने से इस तरह की समस्या नहीं होगी। बिजली चोरी भी रुक जाएगी।

गर्मी में बढ़ी खपत, इसलिए बिल आ रहे हैं ज्यादा

पटेल के मुताबिक गर्मी में बिजली की खपत ज्यादा हो गई थी। लोग घरों में थे जिससे लाइट की खपत ज्यादा हुई। कोरोना की वजह से कई स्थानों पर न तो रीडिंग ले पाए न ही बिल पहुंचा पाए। इस वजह से लोगों के घरों में जो बिल पहुंच रहे हैं वे दो महीने के हैं। चूंकि लोगों को 550 रुपए की सरकार से सबसिडी मिलती है वह स्लैब बदलने की वजह से कई लोगों को नहीं मिल पाई और उनके बिल ज्यादा हो गए।

जो लोग शिकायत लेकर आ रहे हैं और उनके बिल स्लैब बदलने से बढ़ गए हैं उनका बिल कम किया जा रहा है। नए मीटर में इस तरह की समस्या नहीं आएगी। हमारी लोगों से अपील है कि स्मार्ट मीटर लगवाएं किसी तरह का विरोध न करें, क्योंकि नए मीटर सरकार ने अनिवार्य कर दिए हैं, इसे लगवाना पड़ेगा।

10-10 फीडरों में चल रहा है काम

पटेल के मुताबिक बिजली कंपनी के पश्चिम डिविजन और पूर्व डिविजन के 10-10 फीडरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने का काम चल रहा है। पश्चिम डिविजन में 51 फीडर हैं। इसमें 10 फीडरों पर स्मार्ट फीडर लगाए जा रहे हैं। इसमें गोपाल मंदिर, नई सडक़, महाकाल घाटी के समीप भी स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इसी तरह से पूर्व डिविजन में भी 54 फीडर में से 10 फीडर पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। फ्रीगंज समेत कई पाश कालोनियों में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।

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