जावरा/रतलाम। भ्रष्टाचार के आरोप में तीन दिन पूर्व निलम्बित किए गए पुलिस आरक्षक को घोर अनुशासनहीनता के चलते एसपी गौरव तिवारी ने बर्खास्त कर दिया है। निलंबित आरक्षक ने निलम्बन आदेश मिलने के बाद पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप में प्रभारी मंत्री के सामने आत्मदाह करने की धमकी दी थी।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार सरवन निवासी आवेदक बंशीलाल गुर्जर ने मंगलवार को जनसुनवाई में सरवन थाने में पदस्थ आरक्षक रतन कोल्हे के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत प्रस्तुत की थी। आवेदक ने आरक्षक द्वारा रिश्वत मांगने के लिए की गई मोबाइल कॉल की रेकार्डिंग भी प्रस्तुत की थी। रेकार्डिंग के मुताबिक रतन ने आवेदक से पहले शराब की दो बोतल मांगी थी। इसके बाद आरक्षक ने अपने मकान का किराया भरने और साथ ही एक मन्दिर निर्माण के लिए चन्दा देने का भी बंशीलाल पर दबाव बनाया था। आरक्षक ने रिश्वत की रकम न देने पर गुर्जर को एससीएसटी एक्ट के झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी भी दी थी।
शिकायत की जांच के बाद एसपी गौरव तिवारी ने आरक्षक रतन कोल्हे को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया था। निलंबन की जानकारी मिलने के बाद आरक्षक रतन कोल्हे ने रतलाम औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने के व्हाट्सएप ग्रुप पर रात करीब साढे नौ बजे एक मैसेज पोस्ट किया। जिसमें उसने लिखा था कि वह एसपी के आदेश के खिलाफ प्रभारी मंत्री के सामने आत्मदाह करेगा।
पुलिस के सम्मान को धुमिल किया
आरक्षक द्वारा एसपी के आदेश के विरुद्ध आत्मदाह की धमकी देने को गंभीर कदाचरण और अनुशासनहीनता मानते हुए एसपी ने उसे सेवा से पृथक करने सम्बन्धी नोटिस भी दिया। आरक्षक ने काफी मशक्कत के बाद नोटिस लिया। लेकिन उसका स्पष्टीकरण को संतोषजनक नहीं मानते हुए एसपी गौरव तिवारी ने उसे सेवा से पृथक करने का आदेश जारी कर दिया। एसपी ने अपने आदेश में कहा है कि निलंबित आरक्षक ने अपने कृत्य से पुलिस के प्रति आम जनता में जो विश्वास है उसे आहत करते हुए पुलिस के सम्मान और छबि को धूमिल किया है।