एसपी पहली बार अकेले ही जायजा लेने पहुंचे
उज्जैन, अग्निपथ। श्रावण सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में हुई धक्का-मुक्की की घटना के पश्चात मंगलवार सुबह से ही पुलिस प्रशासन ने मंदिर के प्रवेश द्वारों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया। मंगलवार को सुबह स्वयं एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल जायजा लेने पहुंचे और भगवान महाकाल के दर्शन किए। प्रतिवर्ष श्रावण मास के शुरू होते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मंदिर में तैनात किया जाता है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप हादसा होते बचा। एडीजीपी ने भी माना कि कहीं ना कहीं चूक हुई है।
महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण सोमवार को हादसा होते-होते बचा। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भस्मारती प्रोटोकॉल गेट पर एकत्रित हो गए थे और उन्होंने देखा कि यहां से सभी को नि:शुल्क निकाला जा रहा है। जिस पर भीड़ बेकाबू हो गई और उसने बैरिकेड को धक्का देकर मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया। इस दौरान कई महिलाओं और युवतियों को चोट आई हैं।
पुलिसकर्मियों ने भी इस दौरान अभद्र व्यवहार करते हुए कई युवतियों को थप्पड़ भी मारे। हालांकि कोई बड़ी दुर्घटना होने से तो बच गई लेकिन भगवान महाकाल का आशीर्वाद था कि कोई भी बड़ी दुर्घटना होते होते बच गई।
हालांकि कलेक्टर आशीष सिंह ने मंदिर प्रवेश का समय बढ़ाने का संकेत दिया है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को 11 बजे की जगह दोपहर 1 बजे तक मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा और आधे घंटे में श्रद्धालुओं को 1.30 बजे तक बाहर निकाल दिया जाएगा। इसके पश्चात सवारी निकालने की व्यवस्था की जाएगी।
महाकालेश्वर मंदिर में हुई कल की घटना ने पुलिस प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। अव्यवस्था के बावजूद पुलिस प्रशासन द्वारा महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई भी प्रयास नहीं किए गए। यहां तक की पुलिस बल जोकि प्रतिवर्ष लगाा जाता है। वह भी महाकालेश्वर मंदिर में तैनात नहीं किया गया था। फल स्वरुप हादसा होते-होते बचा। आखिरकार पुलिस प्रशासन ने अपनी किरकिरी होते देख कर मंगलवार की सुबह से बड़ी संख्या में पुलिस बल को मंदिर में तैनात कर दिया था।
प्रवेश द्वार पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात
घटना से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन ने मंगलवार की सुबह से ही पुलिस बल महाकालेश्वर मंदिर में तैनात कर दिया था। पुलिस चौकी के अलावा अन्य पुलिस बल भस्मारती प्रोटोकॉल गेट, 4 नंबर गेट और महाकाल प्रवचन हाल के सामने के गेट पर खड़े होकर भीड़ को नियंत्रित करते दिखाई दिया। हादसे वाले भस्मारती प्रोटोकाल गेट पर अस्थाई बेरिकेड हटाकर बड़े बेरिकेड लगा दिए गए। यहां तक कि बड़ी संख्या में पुलिस बल मंदिर के अंदर भी मौजूद था जो कि श्रद्धालुओं को दर्शन के पश्चात बाहर निकालने का प्रयास करता नजर आया। पुलिस बल द्वारा श्रद्धालुओं को सुरक्षा के मद्देनजर दर्शन कराए जाते रहे।
पहली बार अकेले पहुंचे एसपी, व्यवस्थाएं देखी और दर्शन किए
अक्सर एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल मंदिर में निरीक्षण के दौरान या तो कलेक्टर या आईजी डीआईजी के साथ ही मंदिर में नजर आए। लेकिन सोमवार को हुई घटना के बाद एसपी श्री शुक्ल मंगलवार को अकेले ही मंदिर में भ्रमण करते हुए देखे गए। पुलिस बल महाकालेश्वर मंदिर में लगाने के पश्चात एसपी श्री शुक्ल पुलिस बल की कार्यप्रणाली देखने के लिए महकालेश्वर मंदिर पहुंचे।
उन्होंने मंदिर के बाहर स्थित प्रवेश द्वारों का निरीक्षण किया। पश्चात मंदिर के अंदर भी उन्होंने प्रवेश द्वारों पर भीड़ की स्थिति जानी। उन्होंने महाकाल धर्मशाला में खड़े होकर अपने अधीनस्थों के साथ विचार-विमर्श भी किया और उनको निर्देश भी दिए। इस अवसर पर उन्होंने गणपति मंडपम की रैलिंग से भगवान महाकाल के दर्शन किए।
चूक पर जिला और पुलिस प्रशासन अधिकारियों की मैराथन बैठक
मंगलवार को मीडिया में खबर चलने के बाद जिला और पुलिस प्रशासन ने ताबड़तोड मैराथन बैठकें लेकर चूक के कारणों पर विचार मंथन किया। एडीजीपी योगेश देशमुख ने भी माना कि चूक हुई है। यह चूक बढ़े ना इस पर मंथन किया जा रहा है। उनका कहना है कि पुलिस ने किसी पर भी हाथ नहीं उठाया है। जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी सभी मेहनत करते हैं। मंदिर के आसपास निर्माण कार्य चल रहा है। किन्हीं कारणों से 11 बजे तक दर्शन कराए जा रहे हैं। एकाध मिनट के लिए भीड़ बेकाबू हुई। जिसको कंट्रोल कर लिया गया। कहीं ना कहीं कम्यूनिकेशन गेप हुआ है।
कलेक्टर, एसपी, एडीएम मामले में अधीनस्थों की बैठकें कर रहे हैं। हालांकि मामले में किसी को भी चोट नहीं आई है। मामले का रिव्यू किया जा रहा है। बड़ी व्यवस्था में कभी कभी चूक हो जाती है। चूक बढ़े ना इसके लिए सुधार कर रहे हैं। घटना के बाद सभी 25 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन हुए हैं। अनुमान से अधिक भीड़ दर्शन को आई। एकाध मिनट के लिए धक्का मुक्की हुई है। मामले में अधिकारियों से चर्चा हुई है। कलेक्टर-एसपी अपने अधीनस्थों की बैठक कर रहे हैं।