उज्जैन, अग्निपथ। कोरोना संक्रमण भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर आदि जगहों पर तेजी से फैल रहा है, लेकिन उज्जैन शहर में इतनी खतरनाक स्थिति नहीं है कि बेवजह की चिंता की जाए। जिला प्रशासक की पेशानियों पर बेवजह चिंता की लकीरें खींची हुई हैं। जितने मरीज आ रहे हैं, उतने पहले भी आते रहे हैं। मौतों का आंकड़ा भी थमा हुआ है।
गर्मी की सीजन समाप्त होने के बाद कोरोना विषय के जानकारों ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि सर्दी का सीजन आने के बाद बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण लोगों में फैल जाएगा। दीपावली सीजन के आने के बाद बड़ी संख्या में कोरोना पाजीटिव आने की संभावना थी, लेकिन उज्जैन शहर में ऐसा कुछ नहीं हुआ। अभी भी हालत काबू में बने हुए हैं।
हालांकि पास के शहर इंदौर में स्थिति खराब बनी हुई है। लोगों का कहना है कि इंदौर शहर आने जाने के चलते यहां पर भी संक्रमण फैल सकता है और स्थिति बिगड़ सकती है। जिला प्रशासन भी हाईअलर्ट पर बना हुआ है। उसने मास्क नहीं पहनने वालों पर सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। मास्क नहीं पहनने पर अस्थाई जेल भेजने के साथ ही कोरोना टेस्ट भी कराया जा रहा है। चरक, माधवनगर, आरडी गार्डी, अमलतास अस्पताल की व्यवस्थाएं पूर्व की ही तरह चुस्त दुरुस्त कर दी गई हैं। अस्पतालों में रविवार 22 नवम्बर तक 217 मरीज इलाज के लिए भर्ती थे।
ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी अधिक
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन जारी हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो रविवार 22 नवम्बर को 26 पाजीटिव मरीज आए थे और 8 ठीक होकर अपने घर गए थे। इसी तरह 21 को 13 पाजिटिव और 13 ठीक, 20 को 21 पाजीटिव और 8 ठीक, 19 को 14 पाजीटिव और 11 ठीक, 18 को 21 पाजीटिव और 12 ठीक, 17 को 26 पाजीटिव और 13 ठीक, 16 को 10 पॉजीटिव और 7 ठीक, 15 को 5 पाजीटिव और 5 ठीक, 14 को 12 पाजीटिव और 9 ठीक, 13 नवम्बर को 11 पाजीटिव और 7 मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंच गए हैं।