महाकालेश्वर: भादौ मास की पहली सवारी में सामान्य रही श्रद्धालुओं की भीड़

मंदिर में भी श्रावण मास की अपेक्षा भीड़ का दबाव कम़, मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को दिया गया प्रवेश

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर से भादौ मास की पहली और श्रावण भादौ मास की पांचवी सवारी ठाट बाट से निकाली गई। भगवान चंद्रमौलेश्वर और मनमहेश ने रजत पालकी और हाथी पर बैठकर नगर भ्रमण किया और अपनी प्रजा के हाल-चाल जाने। इस दौरान पालकी के आसपास पिछली सवारियों की अपेक्षा कम भीड़ दिखाई दी। सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में भी इतनी भीड़ नहीं थी, जितनी की श्रावण मास के दौरान देखी गई।

शाम को 4 बजे सभा मंडप में पूजन अर्चन के पश्चात सवारी नगर भ्रमण पर निकली। सभा मंडप में कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल द्वारा पूजन अर्चन किया गया। शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम शर्मा द्वारा पूजन अर्चन संपन्न कराया गया। पश्चात सवारी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची। यहां पर गार्ड ऑफ ऑनर देने के पश्चात सवारी पास ही स्थित नागधारी गणेश मंदिर पहुंची। यहां पर पुजारी संजय दिवटे ने पालकी का पूजा-अर्चना कर पुष्पवर्षा की। सवारी बड़ा गणेश मंदिर से होते हुए हरसिद्धि चौराहा पहुंची। यहां पर इवेंट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी कर भगवान महाकाल का स्वागत किया गया। पश्चात सवारी हरसिद्धि चौराहा से होते हुए रामघाट पहुंची। यहां पर पुजारी आशीष गुरु ने भगवान महाकाल के शिप्रा के जल से पैर पखारकर भगवान के विग्रह की आरती उतारी।

हरसिद्धि मंदिर पर जोशीला स्वागत

रामघाट से पूजन अर्चन के पश्चात सवारी हरसिद्धि की पाल होते हुए हरसिद्धि मंदिर पहुंची। यहां पर आगे-आगे कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी सतेंद्र कुमार शुक्ल चल रहे थे। सवारी जैसे ही हरसिद्धि मंदिर पर पहुंची तो यहां इवेंट मैनेजमेंट के द्वारा आकर्षक इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी कर भगवान की पालकी का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान रंग-बिरंगा धुआं और पन्नी की आतिशबाजी की गई। भगवान महाकाल को हरसिद्धि मंदिर के पुजारियों ने दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। वहीं मां हरसिद्धि को महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से सुहाग सामग्री प्रदान की गई। सवारी हरसिद्धि मंदिर से होते हुए रुद्रसागर और बड़ा गणेश मंदिर से होते हुए महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।

श्रद्धालु कम हुए, नहीं बदली व्यवस्था

श्री महाकालेश्वर मंदिर में भादौ मास के पहले सोमवार को अपेक्षाकृत कम संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को आए। रक्षाबंधन से लेकर जन्माष्टमी तक लगातार त्यौहार होने के चलते बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य हो गई है। लेकिन जिला प्रशासन ने अपनी व्यवस्था को यथावत रखते हुए चुनिंदा श्रद्धालुओं को भी चार धाम मंदिर के सामने के प्रवेश द्वार से दर्शन करवाए। श्रद्धालुओं को 15 मिनट में भगवान महाकाल के सोमवार को दर्शन हुए। श्रद्धालुओं का कहना था कि जब मंदिर में भीड़ कम हो गई है तो जिला प्रशासन को बड़ा गणेश मंदिर के सामने से प्रवेश देकर इतना नहीं चलवाना चाहिए था। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्गों को लंबा रास्ता होने के चलते खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बैरिकेडिंग भी पहले की तरह

महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को दोपहर 1 बजे तक दर्शन करा कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बाहर के श्रद्धालु कम संख्या में आए हुए थे। लेकिन महाकाल घाटी सहित मंदिर प्रवेश द्वार पहुंच मार्ग तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़। मंदिर के आसपास की गलियों को भी बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया था। व्यवस्था श्रावण मास जैसी होने के चलते श्रद्धालुओं को महाकालेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चार धाम मंदिर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को हरि फाटक ब्रिज से होकर जाना पड़ा। वहीं प्रोटोकॉल प्राप्त और वीआईपी श्रद्धालुओं को बड़ा गणेश मंदिर तक पहुंचने के लिए वहां पर लगाए गए बेरिकेड से अंदर पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ी।

मंदिर परिसर से प्रतिबंध हटाया

जिला प्रशासन ने हालांकि श्रद्धालुओं की भीड़ का अनुमान पहले से लगा लिया था । इसलिए शनिवार, रविवार और सोमवार को मंदिर प्रवेश परिसर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था। यहां पर श्रद्धालुओं ने सिद्धि विनायक, भद्रकाली, जूना महाकाल, अनादि कल्पेश्वर, गायत्री मंदिर, साक्षी गोपाल मंदिर, नवग्रह मंदिर सहित अन्य मंदिरों के दर्शन किए।

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