609 सेंटर पर जिला प्रशासन ने बनाया सर्वाधिक लोगों को वैक्सीन लगाने का रिकार्ड
उज्जैन, अग्निपथ। टीका करण के महाभियान में उज्जैन जिले ने एक दिन में 1 लाख 24 हजार 761 टीके लगाते हुए प्रदेश में सर्वाधिक टीके लगाने का रिकॉर्ड बना लिया है । अभियान के पहले ही दिन जिले में 609 सेंटर पर लक्ष्य से 9 हजार टीके ज्यादा लगाए गए।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि जिले को राज्य शासन द्वारा 1 लाख 15 हजार टीके लगाने का लक्ष्य दिया गया था । राज्य शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य से अधिक टीके लगाकर उज्जैन जिले ने अभूतपूर्व कार्य करके दिखाया है। कलेक्टर ने इस उपलब्धि के लिए टीकाकरण कार्य से जुड़े हुए प्रत्येक शासकीय सेवक को बधाई दी है । उन्होंने टीकाकरण के लिए प्रेरित करने वाले सभी जनप्रतिनिधियों , धर्मगुरुओं आदि का धन्यवाद ज्ञापित किया है।
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में शत प्रतिशत लोगों को वैक्सीनेटेड करने का महाअभियान पहले दिन बेहद सफल रहा है। बुधवार और गुरुवार दो दिनों में जिले में डेढ़ लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाने का टारगेट तय किया गया था।
उज्जैन जिले में 18 साल से अधिक जिले की 16 लाख आबादी में से बुधवार शाम 7 बजे तक 13 लाख 31 हजार 719 नागरिकों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। शहर में पहला वैक्सीन लेने वालों का प्रतिशत 90 के आसपास पहुंच गया है। ऐसे लोगों का आंकड़ा 3 लाख 18 हजार 50 पर पहुंच गया है जिन्हें वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके है।
बुधवार को जिले में लगभग 609 सेंटर्स पर बड़े पैमाने पर लोगों को वैक्सीन लगाई गई। महाअभियान के लिए केंद्र सरकार से दो दिन पहले ही जिले को 1 लाख 35 हजार डोज मिले थे। मध्यप्रदेश में इंदौर के बाद उज्जैन ही ऐसा दूसरा जिला था जिसे इतनी बड़ी संख्या में अभियान के लिए एक साथ वैक्सीन मिली। केंद्र से जो डोज मिले उसमें से ज्यादातर डोज तो पहले ही दिन खप गए।
महाअभियान की खास बात
- वैक्सीनेशन के लिए बुधवार को जिले में 609 टीमों में 3 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।
- खुद कलेक्टर भी पूरे दिन जिले के अलग-अगल वैक्सीन सेंटर पर पहुंचकर कर्मचारियों का उत्साह बढ़ा रहे थे। वे उन्हेंल, नलवा और बलेड़ी गांवो में भी वैक्सीन सेंटर पर पहुंचे।
- दोपहर 12 बजे तक जिले में 30 हजार, शाम 4 बजे तक 85 हजार और शाम 5 बजे एक लाख वैक्सीन डोज लगाने का आंकड़ा पार कर लिया गया था।
- शाम 5 बजे तक वैक्सीनेशन ड्राइव का समय निर्धारित किया गया था लेकिन लोगों के उत्साह को देखते हुए इसे शाम 7 बजे तक बढ़ा दिया गया।
- कई सेंटर ऐसे भी रहे जहां दोपहर के वक्त ही वैक्सीन खत्म हो गई थी, कुछ सेंटर पर दोबारा से वैक्सीन आपूर्ति की गई।