12 वीं पास ने केवायसी अपडेट के नाम पर बनाया था शिकार
उज्जैन,अग्निपथ। राज्य सायबर सेल ने शहर के प्रतिष्ठित डाक्टर को 7.45 लाख की चपत लगाने वाले को पश्चिम बंगाल से लाकर शनिवार को जेल भेजा है। युवक ने करीब दो माह पहले केवायसी अपडेट के नाम पर डाक्टर को चपत लगाई थी। मामले में टीम जल्द ही उसके साथियों को भी तलाशने जाएगी।
भरतपुरी स्थित आरटीओ कार्यालय के सामने रहने वाले हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भटनागर ने 12 जुलाई को राज्य सायबर सेल में केस दर्ज कराया था। बताया था कि अज्ञात व्यक्ति ने केवायसी अपडेट करने के नाम पर उन्हें फांसा और उनके खाते से 7.45 लाख रुपए उड़ा दिए। मामले में खोजबीन की तो पता चला पश्चिम बंगाल के हुबली स्थित चंदननगर थाना क्षेत्र निवासी शुभोजित पिता बरुन पात्रा (26) के खाते में 4.65 लाख रुपए ट्रांसफर हुए हैं। टीम ने पांच दिन तक उसे धनबाद, बोकारो, जामताड़ा, आसनसोल, वर्धमान मेंखोजा और 3 सितंबर को पश्चिम बंगाल से दबोच लिया। वहां से ट्रांजिक्ट रिमांड पर लाने के बाद एक दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो उसने वारदात के तरीके से लेकर गैंग सदस्यों के नाम तक उगल दिए। नतीजतन शनिवार को कोर्ट में पेश किया,जहां से उसे जेल भेजने के आदेश हो गए।
ऐसे बनाते है शिकार
सायबर प्रभारी रीमा यादव ने बताया शुभोजित 12 वीं पास है। वह जामताड़ा से गिरोह से जुड़ा है। उसने डॉ. भटनागर के मोबाइल पर एसबीआई के बैंक अकाउंट के केवाईसी अपडेट करने के लिए मैसेज भेजा। उन्होंने काल करके उक्त नंबर से बात की तो शुभोजित ने उन्हें फांसकर जल्द खाता बंद होने और केवायसी अपडेट के लिए क्वीक स्पोर्ट एप डाउनलोड करवा दिया और मोबाइल का एक्सेस मिलते ही उनके खाते से 7.45 लाख रुपए उड़ा दिए। मामले में धारा 419, 420,66 सी आय टी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।
क्या है जामतारा
जामतारा सायबर क्राइम के मामले में इतना मशहूर है कि उस पर वेब सिरिज तक बन चुकी है। हकीकत में जामतारा झारखंड का छोटा सा गांव है। यहां के कम पड़े युवक ठग गरोह से जुड़ जाते हैं। गिरोह एक ही सीरीज के मोबाइल नंबरो पर फोन करते हंै जो लोग फंस जाते हैं उनसे मोबाइल पर रिमोट एप डाउनलोड करवाते थे, फिर यूपीआई या बैंकिंग एप डाउनलोड करवाकर बैंक खाते खाली कर देते है। पुलिस रिकार्ड देखे तो देश भर में होने वाले साइबर क्राइम 80 प्रतिशत यहीं से किए जाते है।
इनकी रही भूमिका
शातिराना तरीके से की गई इस ठगी को सुलझाने और आरोपी को पकडऩे में निरीक्षक यादव के साथ ही एसआई अमित परिहार, गोपाल अजानार, हिमांशुसिंह चौहान, एएसआई हरेंद्रपाल सिंह राठौर, प्रधान आरक्षक कमलाकर उपाध्याय, आरक्षक कमल वरकड़े, सुनील पंवार, तृप्ति लोधी, रजनी निगवाल की मुख्य भूमिका रही है।