किसान कांग्रेस ने भाव तय करने का स्थायी पैमाना बनाने की मांग की
खाचरौद, अग्निपथ। मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह गुर्जर व पूर्व जनपद सदस्य रामलाल मुकाती ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर क्षेत्र के आलू, प्याज व लहसुन उत्पादक किसानों की पीड़ा बयां की है। इसमें दामों में गिरावट के कारण इन फसलों के उत्पादकों की लागत न निकल पाने का हवाला देते हुए मूल्य निर्धारण का स्थायी पैमाना तय करने की मांग की गई है।
पत्र में किसान नेताओं ने बताया कि आलू, प्याज व लहसुन का निर्यात बंद होने से तथा विदेशों से आयात करने से मध्यप्रदेश के किसानों की स्थिति काफी खराब होती जा रही है। वर्तमान समय के भाव से आलू, प्याज, लहसुन की खेती काफी घाटे की खेती बनकर रह गई है किसानों का कोल्ड स्टोरेज का भाड़ा निकल जाए इतने भाव ही मिल पा रहे है। इसके चलते उत्पादक और स्टॉक वाले दोनों ही कर्जदार हो रहे हैं। कभी 100 रुपये किलो बिकने वाला प्याज वर्तमान में आंसू बहा रहा है। वहीं सब्जियों का राजा आलू यह भी अपने ताज की लाज नहीं रख पा रहा है। कभी 15 हजार से 20 हजार रुपए क्विंटर में बिकने वाली लहसुन आज 2 से 4 हजार रुपए क्विंटल में गरज करके व्यापारी को बेचने पर किसान मजबूर हैं।
किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट कराया कि इस बार मालवा के किसानों ने प्याज, आलू, लहसुन की खेती पर अधिक ध्यान दिया, लागत खर्च बढ़ाया, सुरक्षित भण्डारण भी किया लेकिन किसानों की मेहनत पर घटते भावों के कारण पानी फिरता दिख रहा है। सरकार अतिशीघ्र प्याज, आलू, लहसुन के भाव का स्थायी पैमाना तैयार करें, ताकि मालवा के किसानों (उज्जैन, रतलाम, जावरा, नीमच, इंदौर, मंदसौर देवास शाजापुर) को घाटे की खेती से उबारा जा सके। साथ ही कर्ज के कारण किसानों की आत्महत्या की बढ़ती संख्या पर रोक लग सके। अन्यथा वर्तमान समय के भावों से तो कभी ख़ुशी कभी ग़म की स्थिति से प्रदेश का किसान गुजर रहा है सरकार किसान हित में गम्भीरता से निर्णय ले तो उचित होगा।