कोरोना के 17 मरीज लापता, होम आइसोलेशन में रह रहे थे, स्वास्थ्य विभाग कर रहा तलाश

देवास. काेविड के 17 पॉजिटिव मरीज लापता हाे गए हैं, स्वास्थ्य विभाग इन्हें ट्रेस नहीं कर पा रहा है। इन मरीजाें की रिपाेर्ट पॉजिटिव आने के बाद हाेम आइसाेलेशन की सलाह दी गई थी, लेकिन रुटीन फाॅलाेअप के बाद जब इनसे फाेन पर सम्पर्क किया गया ताे इनका फाेन बंद आया, स्वास्थ्य विभाग ने इनके बताए पते पर टीम भेजी ताे माैके पर बताए मकानाें पर ताले मिले हैं।

अब स्वास्थ्य विभाग की टीम इन मरीजाें की तलाश में जुट गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम काे यह भी आशंका है कि इनमें से यदि काेई मरीज खुले में घूम रहा हाेगा ताे संक्रमण और अधिक बढ़ जाएगा। बताया जा रहा है कि कुछ दिनाें पहले इन मरीजाें ने जिला अस्पताल में अपनी जांच कराई थी। इनमें से सभी की रिपाेर्ट पॉजिटिव आने के बाद इन्हें हाेम आइसोलेशन की सलाह दी गई और बस स्टैंड परिसर में स्थित कमांड सेंटर से जब इनसे रूटीन फाॅलाेअप के लिए फाेन लगाया ताे सम्पर्क नहीं हुआ, टीम काे जब आशंका हुई ताे बताए पते पर पहुंचे तो उन घराें में ताले लगे मिले हैं।

इस तरह के मामले सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने यह भी निर्णय लिया है कि अब आगे से जिन भी मरीजाें काे हाेम आइसोलेट किया जाएगा, उनके आधार कार्ड और उनके परिजनाें के फाेन नंबर भी लिए जाएंगे ताकि फाॅलाेअप में किसी प्रकार की परेशानी न आए।

माेरल सपाेर्ट नहीं मिलने से मरीज बाहर इलाज कराने चले जाते हैं

सीएमएचओ शर्मा ने बताया पहले भी इस तरह के चार पांच केस सामने आए थे, जब वे हाेेम आइसोलेट हाेने की बताए बिना बताए बाहर इलाज कराने चले गए थे, बाद में लाैटकर आए तब उन्हाेंने ही फाेन करके बताया कि हम बाहर चले गये थे, लेकिन तब हमनें उन्हें भी यही समझाया था कि यह तरीका गलत है इससे आपकी जान काे भी खतरा है, क्याेंकि रिपाेर्ट पॉजिटिव आने के बाद डाॅक्टर की निगरानी में रहना जरूरी है, जाे भी निर्णय लें डाॅक्टर काे बताकर ही लें।

शर्मा के मुताबिक ऐसी स्थिति इसलिए भी बनती है कि कई बार रिपाेर्ट पॉजिटिव आने के बाद आसपास के लाेगाें का माेरल सपाेर्ट नहीं मिलता है, इस कारण लाेग चुपचाप बाहर चले जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए।

कई बार गलत पता भी दे जाते हैं लाेग

सीएमएचओ शर्मा ने बताया कि कुछ केस ऐसे भी सामने आए हैं, जाे जांच के लिए ताे अस्पताल अाते हैं लेकिन अपनी पहचान छिपाने के लिए घर का पता गलत दे जाते हैं, ऐसी स्थिति से बचने के लिए अब हम नगर निगम का जाे वार्ड इंचार्ज हाेता है उससे भी सम्पर्क कर रहे हैं, ताकि वह भी हाेम आइसोलेट मरीज पर नजर रख सके।

कमांड सेंटर से नहीं हाे पा रहे ट्रेस, हो सकता है गलत पता लिखवाया

इस संबंध में m कमांड सेंटर पर ड्यूटी कर रही डाॅ पंखुड़ी शर्मा ने बताया पिछले दाे तीन दिन से 17 ऐसे मरीज जिनकी रिपाेर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें हाेम आइसोलेट किया गया था, लेकिन उन्होंने जाे पते बताए थे उन पर वे नहीं मिल रहे हैं, उनके फाेन नंबर पर भी सम्पर्क नहीं हाे पा रहा है।

काेराेना काल में पहली बार ऐसा हुआ कि इतनी बड़ी संख्या के मरीज सम्पर्क से कट गए हैं, हम उनकी लगातार तलाश कर रहे हैं। डाॅ पंखुड़ी ने यह भी आशंका जताई कि हाे सकता है कि इन लाेगाें ने गलत एड्रेस नाेट कराए हाें या फिर बिना बताए इलाज कराने बाहर चले गए हाें, लेकिन यह गलत है। आगे से ऐसा न हाे इसके लिए भी हम प्लान कर रहे हैं।

17 मरीज ट्रेस नहीं हाे रहे हैं

हां सही है शहर के अलग अलग हिस्साें में रहने वाले 17 मरीजाें की रिपाेर्ट पॉजिटिव आई थी, इन्हें हाेम आइसोलेशन की सलाह दी गई थी, इन्हें दवाओं के किट भी साैंपे गए थे, लेकिन यह मरीज अब ट्रेस नहीं हाे पा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनकी तलाश की जा रही है।

-डाॅ एमपी शर्मा, सीएमएचओ, देवास

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