गणपति बप्पा को भावभीनी विदाई
उज्जैन, अग्निपथ। जिला प्रशासन द्वारा शिप्रा के घाटों पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर लगाई गई रोक के बावजूद कई जगहों पर प्रतिमा का विसर्जन किया गया। हालांकि शिप्रा के मुख्य घाटों को छोडक़र लोग चोरी छिपे प्रतिमाओं का विसर्जन करते नजर आए। लोगों ने अपने घरों में इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया।
गणपति बप्पा मोरिया… अगले बरस तू जल्दी .. के जय घोष के बीच लोग अपने घरों, मंदिरों में और सार्वजनिक पंडालों में विराजित श्रीगणेश की प्रतिमाओं को हीरा मिल की चाल स्थित कुंड में विसर्जित करते रहे। यह क्रम सुबह से लेकर रात तक चलता रहा। यहां पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, निगम कर्मी भी उपस्थित रहे। उनकी देखरेख में छोटी और बड़ी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन यहां पर चलता रहा।
इसी तरह शहर के रामघाट, मंगलनाथ, सिद्धवट घाट आदि पर प्रतिमाओं के आने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने शिप्रा के मुख्य घाटों पर अच्छी व्यवस्था कर रखी थी। यहां पर नगर निगम की टीम के साथ ही पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए थे। जोकि घाटों पर जाने से लोगों को रोकते रहे और उनकी प्रतिमाओं का पूजन अर्चन करवा कर उनको निगम के वाहनों में एकत्रित करते रहे।
मुख्य घाटों को छोडक़र विसर्जन
लोग अपने घरों और मंदिरों में स्थापित श्री गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन शिप्रा नदी में ही करना चाहते थे। लेकिन जिला प्रशासन के प्रतिबंध के आगे उनकी एक नहीं चली और मुख्य घाटों पर तो एक तरह से प्रतिमा विसर्जन प्रतिबंधित था। लेकिन सिद्धवट जाने वाले पुल से लोग श्रीगणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन करते देखे गए। यहां पर पुलिसकर्मी तैनात नहीं थे।
इसी तरह मंगलनाथ स्थित गंगा घाट पर भी छोटी और बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन निर्बाध रूप से चलता रहा। यहां पर भी जिला प्रशासन ने कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं किया था। इसी तरह नृसिंह घाट पर भी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन लोगों द्वारा किया जाता रहा।
इको फ्रेंडली प्रतिमाओं का विसर्जन घरों में
जिला प्रशासन द्वारा पीओपी की प्रतिमाओं के निर्माण पर प्रतिबंध के बावजूद बड़ी संख्या में बाजार में प्रतिमाएं बेची गई। मिट्टी की बनी इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं कम सुंदर और महंगी होने के कारण लोगों का इस ओर आकर्षण कम ही रहा। हालांकि जिन लोगों ने इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं स्थापित की थीं उन्होंने घरों के गमलों और अपने गार्डन में ही इनका विधिविधान से विसर्जन किया।
अगले बरस जल्दी आएंगे गजानन
गणपति की विदाई पर अगले बरस जल्दी आने की इच्छा, अगली बार गणेशजी जरूर पूरी करेंगे। ज्योतिषियों के मुताबिक वर्ष 2022 में गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को रहेगी। जबकि इस साल 10 सितंबर को थी। इस तरह अगले साल गणपति बप्पा 10 दिन पहले घरों में आएंगे।