अतिक्रमण सर्वे: भैरवगढ़ में तीन बस्तियां, जूना सोमवारिया में 17 अवैध पक्के निर्माण मिले
बैठक में कलेक्टर ने कहा :बाद में 2016 के बाद बनी अवैध कॉलोनियों के पक्के निर्माण तोड़े जाएं
उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में 2016 के बाद जिन्होंने भी अवैध कॉलोनियां काटी हैं, पहले उन्हें चिन्हित किया जाये, उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज की जाये और उनके मकानों को तोड़ा जाये। उसके बाद 2016 के बाद मेला क्षेत्र में बनी कॉलोनियों के भवनों को तोडऩे की कार्यवाही की जाये। ये निर्देश कलेक्टर आशीष सिंह ने बुधवार को बृहस्पति भवन में मीटिंग में दिये।
बैठक में सिंहस्थ क्षेत्र में पाये गये अतिक्रमण के बारे में जानकारी दी गई कि महाकाल मन्दिर क्षेत्र, दत्त अखाड़ा क्षेत्र और भूखी माता क्षेत्र में कुछ अतिक्रमण पाये गये हैं। भैरवगढ़ क्षेत्र में तीन बस्तियां और जूना सोमवारिया से पीपली नाका की तरफ कुल 17 मकान पाये गये हैं। इनमें से कुछ अस्थाई हैं। कलेक्टर ने अतिक्रमण को तुरन्त हटाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
30 तक मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान
कलेक्टर ने इसी के साथ 30 सितम्बर तक जिले में मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये। आगामी त्यौहारों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे मावा, मसाले, बेसन और अन्य दुग्ध पदार्थ की निरन्तर नापतौल विभाग द्वारा सेंपलिंग की जाये। यदि किसी भी प्रकार की मिलावट पाई जाती है तो सम्बन्धित के विरूद्ध रासुका की कार्यवाही की जाये।
राजसात-नीलामी के मामले इसी महीने निबटाएं
बैठक में आबकारी विभाग के अधिकारियों से कलेक्टर ने जिले में राजसात और नीलामी के लम्बित प्रकरण के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिये कि 30 सितम्बर तक सभी राजसात और नीलामी प्रकरणों का निपटारा किया जाये। खनिज विभाग के अधिकारी को जिले में राजसात प्रकरण, वाहन, अवैध रेत, अवैध खनन और राजसात की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये तथा सभी प्रकरणों का निराकरण शीघ्र-अतिशीघ्र करने के लिये कहा।
चिटफंट संचालकों पर शिकंजा कसें
कलेक्टर ने बैठक में जिले में चिटफंड कंपनी चलाने वालों की जांच करने, उनकी सम्पत्तियों का चिन्हांकन करने तथा सम्पत्ति की नीलामी कर धोखाधड़ी के शिकार सम्बन्धित व्यक्ति को पैसा वापस दिलाये जाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये। बैठक में पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता, एडीएम जितेन्द्रसिंह चौहान एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।