कल गोवर्धन पूजा: भिड़ावद में आस्था की परम्परा का आयोजन
बडऩगर (अजय राठौड़)। हमारा देश संस्कृति व परम्पराओं का देश है जहां पर खतरों से खेलती परम्परा का निर्वाह भी हसंते – हसंते किया जाता है। भारत देश के कई कोनो में आज भी ऐसी कई मान्यताएं व परम्पराएं है जिनका जान पर खेलकर निर्वहन किया जा रहा है। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा के तहत समीपस्थ गांव भिड़ावद-2 में सदी पुरानी खतरे से खेलने वाली परम्परा को दोहराया जायेगा। जिसमें सैकडों गोवंश को उन मन्नतियों के उपर से निकाला जावेगा जिनकी मन्नत पुरी हो चुकी है। खतरों से भरे आस्था के इस नजारे को ग्राम के लोग तो निहारते ही है, आसपास व दूरदराज क्षेत्रों से भी लोग पहुंचते है जिससे देखने वालो का मेला लग जाता है।
बताया जाता है कि ग्राम के व आसपास के कई आस्थावान लोग जिन्हें मालुम है की मन्नत पुरी होने पर जमीन पर लेटकर गोवंश के पैरो तले रूंदना है फिर भी वे लोग अपने व अपने परिवार आदि के लिऐ खतरे से निडर होकर भी मन्नत मानते है। मानी हुई मन्नत पुरी हो जाती है तो उसे जाहीर कर खुशी- खुशी उत्साह व उमंग के साथ गोवर्धन पुजा (दीपावली बाद) के दिन होने वाले सार्वजनिक आयोजन जिसे गाय व गोहरी का नाम दिया गया है, में उपस्थित होकर खतरो से सरोबार इस परम्परा के निर्वाह में भागीदारी करते है।
संकरी गली, सैकड़ों गोवंश – तालियों से होता स्वागत
प्रमाणिक रूप से तो कोई दस्तावेज़ उपलब्ध नही है किन्तु बताया जाता है कि लगभग दोसो वर्ष पुरानी यह परम्परा है, जो अनवरत चली आ रही है। जिसमें मन्नतीयों द्वारा पहले से ली हूई मन्नत पुरी हो जाने पर एकादशी के दिन से ही उपवास कर ग्राम के मंदिर पर ही पुजा अर्चना कर भजन ध्यान करते है। फिर गोवर्धन पुजा के दिन ढ़ोल – ढमाको के साथ जुलुस के रूप में जिसमें ग्राम के प्रमुख जन शामील होते है, के साथ ग्राम के ही उस स्थान (गली) पर पहुंचते है जहां पर एक और सैकड़ों गोवंश को एकत्रित कर रखा जाता है।
यहां पर मन्नती संख्या में जो भी हो जमीन पर लेट जाते है फिर एक इशारे पर गोवंश को छोड़ा जाता है जो बैधडक़ इन मन्नतीयों को रोंदते हुऐ गली के दुसरे छोर पर चला जाता है। जब सैकडों गोवंश इन पर से गुजर जाता है तब इस नजारे को देखने वाले सैंकडों-हजार लोग ताली बजाकर स्वागत करते है। तब खतरो से भरा गाय – गोहरी पर्व सम्पन्न होता है। यह परम्परा प्रतिवर्ष इसी प्रकार से दोहराई जाती है। जिसमें मन्नती अपने आपको जहा धन्य मानते है वहीं देखने वाले भी धन्य मानते है।
शुक्रवार को होगा आयोजन
इस बार यह आयोजन कल शुक्रवार को भिड़ावद ग्राम में प्रात: लगभग 7 बजे प्रारंभ होगा जिसमें कपिल महाराज के अनुसार प्रकाश चौधरी, लाखन अग्रवाल, बद्रीलाल चौधरी, सुदेश अग्रवाल, रामेश्वर चौहान, कन्हैयालाल गहलोत, नरेंद्र सिंह गोयल, सोनू सिसोदिया, मोहन चंद्रवंशी, चंपालाल चौधरी आदी है। इसी प्रकार ग्राम लोहारिया में राकेश पिता मादूजी, गणेश पिता मादूजी व ओमप्रकाश पिता शांतिलाल सहित अन्य भी इसमें हिस्सेदारी करेंगे।