इंदौर। न्यूजीलैंड से टी-20 मुकाबले के लिए इंदौर से आवेश खान और वेकटेंश अय्यर का चयन हुआ है। जैसे ही, आवेश खान के सिलेक्शन के बारे में पता चला, उसके घर बधाइयों का तांता लग गया। आवेश का कहना है कि वह पूरी शिद्दत के साथ देश और टीम के लिए खेलेंगे।
इंदौर की श्रीनगर एक्सटेंशन की गलियों में कभी प्लास्टिक की बॉल से खेलने वाला आवेश अब इंटरनेशनल मैच खेलेंगे। आवेश की मेहनत और जुनून ही है कि उन्हें इंडियन टीम में जगह मिली। इंदौर ने अमय खुरासिया और नमन ओझा जैसे खिलाड़ी भी देश को दिए हैं, लेकिन हाल में चल रहे फटाफट क्रिकेट के जुनून के बीच इंदौर से एक साथ दो खिलाड़ियों के सिलेक्शन ने एक बार फिर शहर का नाम भारत व विश्व के खेल नक्शे पर ला दिया है।
मीडिया से चर्चा में आवेश ने बताया कि खुशी है कि परिवार और माता-पिता का नाम रोशन किया है। जिनको भी पता है कि मेरा टीम में चयन हुआ है, उनकी बधाई मिल रही है। कोशिश रहेगी कि इंदौर का नाम रोशन करूं। प्रदेश और देश का नाम रोशन करूं।
भरतीय टीम के हालिया खराब परफॉर्मेंस के सवाल के जवाब में आवेश का मानना है कि हार-जीत चलती रहती है। अब जीत को लेकर ज्यादा फोकस करेंगे। नए कोच राहुल द्रविड़ का क्या प्लान है, जयपुर में टीम मीटिंग में पता चलेगा टीम की क्या योजना है।
अपने बचपन में गली में खेले क्रिकेट को याद करते हुए युवा खिलाड़ी कहते हैं आज गली से ही टीम इंडिया का हिस्सा बना हूं। सब इंदौर की ही देन है। जब भी देश के लिए खेलूंगा, तय है अपना 100 फीसदी हुनर दूंगा।
10 घंटे क्रिकेट खेलने के साथ पढ़ाई में भी होनहारः पिता
आवेश के पिता बताते हैं बेटा सिर्फ क्रिकेट खेलने की ही जिद करता था। सब काम छोड़कर क्रिकेट में तो करीब 10 घंटे देता था। हां यह भी सच है कि वह पढ़ाई में भी होनहार रहा।
मां बोलीं- मैंने हमेशा खेलने से रोका था
आवेश की मां कहती हैं मैंने बेटे को हमेशा क्रिकेट खेलने से रोका था। नहीं पता था कि ये एक दिन देश के लिए खेलेगा और हमारा नाम रोशन करेगा। भारतीय टीम में शामिल हुआ है, इस बात की बहुत खुशी है। बेटे को देश के लिए अच्छा खेलते देखना चाहती हूं, जिससे वह भारत का नाम रोशन करे।