कई पुलियाओं में कम लगाए जा रहे सरिये, पुरानी पुलिया को ही किया जा रहा नया
आगर-मालवा, अग्निपथ। उज्जैन-झालावाड़ मार्ग पर म.प्र की सीमा में उज्जैन से चवली तक 134 किलोमीटर मार्ग पर तेजी से टू-लेन का निर्माण करवाया जा रहा है। सडक़ निर्माण में पुलियाओं के काम पर जानकार लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। आरोप है कि पुलियाओं के निर्माण में कई जगह गुणवत्ताहीन कार्य किया जा रहा है।
विश्वसनीय सुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तनोडिय़ा से आमला के बीच करीब 5 बड़ी तथा 10 से अधिक छोटी पुलियाओं को नियमानुसार नया बनाया जाना हैं। लेकिन इस निर्माण में मानक स्तर की सामग्री का उपयोग नही हो रहा हैं। पुलिया निर्माण से जुड़े लोगों का कहना हैं कि सडक़ बनाने वाली कम्पनी द्वारा अधिकांश पुलियाओं के निर्माण का काम पेटी कांट्रेक्टरों को दिया गया हैं।
इतना ही नहीं पेटी कांट्रेक्टर बिना किसी जिम्मेदार की देखरेख में कार्य कर रहे हैं। जहां 20 एमएम के सरिये का उपयोग किया जाना होता हैं, वहा 16 एमएम का सरिया लगाया जा रहा हैं तथा जहा 16 एमएम सरियें की आवश्यकता होती हैं वहा 12 व 10 एमएम का सरिया इस्तेमाल किया जा रहा हैं। कई जगह 8 एमएम का सरिया भी उपयोग किया गया हैं। इन दिनों कुछ पुलियाओं पर सरिये बिछाए जा रहे हैं, जिन्हे देखकर जिम्मेदार लोग हैरान हैं कि इस प्रकार का निर्माण कितने समय तक टिकेगा।
पुलियाओं में कम सरियों का किया जा रहा उपयोग
जिला मुख्यालय से मात्र 9 किलोमीटर दूर ग्राम चामडदा के पास स्थित बड़ी पुलिया के निर्माण में बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही हैं। इस पुरानी पुलिया को तोडऩे की बजाए उसका ही उपयोग किया जा रहा हैं। पुलिया की ऊपर की रैलिंग तोडक़र उसे सडक़ के लेवल का कर दिया और पुरानी पुलिया के पास से पिल्लर उठाकर पुलिया को चौड़ा करने का कार्य किया जा रहा हैं। पुलियाओं के निर्माण को देखकर ऐसा लगता हैं कि सडक़ की ये पुलियाएं बहुत जल्द ही क्षतिग्रस्त हो जाएगी। पुलियाओं के निर्माण के दौरान बरती जा रही लापरवाही को लेकर कोई भी जिम्मेदार कुछ बोलने को तैयार नही हैं।
जिम्मेदार बोले निरीक्षण नहीं किया
लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री गिरीश बंसल इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी हैं। जब उनसे चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि संबंधित कम्पनी द्वारा मुझे कोई डाक्यूमेंट नहीं दिए गए हैं। इसलिए मैंने कार्य का निरीक्षण नहीं किया। बंसल ने यह भी कहा कि मैं इस मामलें में कुछ बोलने के लिए अधिकृत भी नही हूं। क्योंकि एग्रीमेंट एनएचएआई व कम्पनी के बीच हुआ हैं। संबंधित अधिकारी टीएल मिटिंग में नही आते हैं, इसलिए मुझे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जो निर्देश दिए जाते हैं, उनका पालन करता हूं।