उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा नदी में इंदौर से आने वाले दूषित जल को मिलने से रोकने की योजना पर मंगलवार को एक बड़ा फैसला हुआ है। भोपाल में हुई केबिनेट बैठक में कान्ह नदी डायवर्शन की 598 करोड़ 66 लाख रूपए की क्लोज डक्ट परियोजना को मंजूरी दे दी है। लक्ष्य तय किया गया है कि सिंहस्थ 2028 से पहले इस परियोजना का काम पूरा कर लिया जाए। केबिनेट की मंजूरी के बाद अब जल संसाधन विभाग से परियोजना के टेंडर जारी करने की औपचारिकता शेष रह गई है।
शिप्रा नदी में इंदौर से आकर मिल रहे गंदे पानी की वजह से नाराज होकर पिछले साल उज्जैन के संतो ने रामघाट पर कई दिनों तक धरना दिया था। इसके बाद साधु-संतो का एक प्रतिनिधि मंडल भोपाल जाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिला था। संतो के साथ हुई मुलाकात के बाद ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव व अन्य अधिकारियों को कान्ह नदी डायवर्शन की नई योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे। जल संसाधन विभाग ने कान्ह नदी के पानी को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए क्लोज डक्ट परियोजना तैयार की है। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली केबिनेट की बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दे दी गई है।
क्या है क्लोज डक्ट परियोजना
- कान्ह नदी के जरिए उज्जैन में त्रिवेणी पर आकर गंदा पानी शिप्रा के जल को दूषित करता है। कान्ह नदी के पानी को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए क्लोज डक्ट परियोजना बनी है।
- इस परियोजना में गोठड़ा गांव में एक पक्के स्टाप डेम का निर्माण होगा। यहां से कान्ह नदी के गंदे पानी को डायवर्ट कर कालियादेह महल तक ले जाया जाएगा।
- योजना में 16.5 किलोमीटर लंबाई की और 4.5 मीटर डी- आकार की भूमिगत चैनल बनेगी। इसके अलावा 100 मीटर लंबाई में एप्रोच चैनल का निर्माण होगा। आखिरी 100 मीटर में ओपन चैनल बनाई जाएगी।
- इंदौर शहर की अगले 30 साल की आबादी को ध्यान में रखते हुए यह योजना तैयार की गई है।
- जो भी एजेंसी इस अंडरग्राउंड चैनल का निर्माण करेगी उसे ही अगले 15 साल तकइसका रख-रखाव भी करना होगा।
- 3 अगस्त को भोपाल में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई साधिकार समिति की बैठक में योजना की अनुसंशा की गई थी।
6 साल में ही अनुपयोगी हो गई परियोजना
सिंहस्थ 2016 से ठीक पहले कान्ह नदी का गंदा पानी शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए डायवर्शन योजना को अमलीजामा पहनाया गया था। राघौ पिपलिया से लेकर कालियादेह तक खान डायवर्शन के रूप में भूमिगत पाइप लाइन बिछाई गई। इसमें लगभग 80 करोड़ रुपए खर्च हुए। बावजूद इसके यह लाइन कान्ह के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने में सफल नहीं रही। क्लोज डक्ट के निर्माण के बाद मौजूदा भूमिगत पाईप लाईन खत्म हो जाएगी।