नया सालः उमड़ी जनमैदिनी के कारण महाकाल लोक में करना पड़ा प्रवेश बंद

नया साल का पहला दिन

शहर में लघु सिंहस्थ का नजारा

उज्जैन, अग्निपथ। नया साल का पहला दिन, रविवार को महाकालेश्वर मंदिर और इसके आसपास कुंभ सा नजारा दिखा। महाकाल सहित रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर दर्शनार्थियों की भारी भीड़ इसका सबूत पेश कर रही थी। सुबह 6 बजे से दर्शन का क्रम शुरू हो गया था। महाकाल लोक के नंदी द्वार से लाइन में लगे श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे के बाद मंदिर प्रशासक ने दोपहर में 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकट को भी बंद करवा दिया था।

यह पहली बार है कि जब साल के पहले दिन कोई भी वीवीआईपी महाकाल दर्शन को नहीं पहुंचा। कलेक्टर कार्यालय का प्रोटोकॉल तक से किसी को भी दर्शन की अनुमति नहीं दी गई। मंदिर के अधिकारियों के अनुमान के आधार पर शाम 6 बजे तक चार लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे। भीड़ को बढ़ता देख शाम 6 बजे महाकाल लोक को बंद कर दिया गया।

वर्ष की पहली भस्मारती में सीमित संख्या में दर्शनार्थियों को भगवान महाकाल के दर्शन करवाये गये। श्रद्धालुओं की भीड़ रात एक बजे से प्रवेश द्वार पर लग गई थी। आरती के बाद श्री महाकाल लोक के नंदी द्वार से कतार में खड़े श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए छोड़ा गया। बैरिकेड्स के माध्यम से मानसरोवर से प्रवेश लेने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ का फ्लो एक जैसा चलता रहा।

मंदिर प्रशासन ने बैरिकेड्स में तीन लाइन चलाकर तीन पाटले लगाए थे। श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में नहीं जाने दिया गया। मंदिर परिसर को सुबह से ही बंद कर दिया गया था। दर्शन के बाद सीधे निर्गम द्वार से बाहर की ओर निकाला गया, जिससे श्रद्धालुओं को भी भगवान महाकाल के दर्शन करने में 30 से 45 मिनट लगे।

एडीएम संतोष टेगोर, मंदिर प्रशासक संदीप सोनी, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतिक द्विवेदी, लोकेश चौहान सहित पुलिस के अधिकारी परिसर में घूमकर व्यवस्थाएं देखते रहे।

गणपति मंडपम में तेजी से चलाई लाइन

गणपति मंडपम में यदि दर्शनार्थी खड़े होकर भगवान महाकाल के दर्शन करें तो इसमें समय अधिक लगता है। इस व्यवस्था को नजदीक से परखते हुए मंदिर प्रशासक श्री सोनी ने एक दर्जन के लगभग मंदिर कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों को लाइन चलाने के लिये लगाया था। सुबह इसकी कमान सहायक प्रशासक प्रतिक द्विवेदी ने संभाली। उन्होंने लाइन चलाने में कोताही करने वालों को हटाकर दूसरे कर्मचारियों को उनकी जगह पर लगाया। जिसके चलते तेजी से भीड़ चलते हुए दर्शन करती रही।

मंदिर के अंदर तीन जगहों से प्रवेश

इस बार दर्शन व्यवस्था इतनी अच्छी कर रखी थी कि दर्शनार्थियों को आराम से भगवान महाकाल के दर्शन हुए। महाकाल लोक से प्रवेश करने के बाद दर्शनार्थियों को टनल से लाकर कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करवा कर सीधे बाहर निकाला जाता रहा। दूसरी व्यवस्था कार्तिकेय मंडपम की ओर आने वाले दर्शनार्थियों को मोडक़र नंदीहाल रैम्प से प्रवेश देकर बाहर निकाला जाता रहा। तीसरा प्रवेश 4 नंबर गेट से दर्शनार्थियों का चलता रहा। मंदिर प्रशासक की इस व्यवस्था से आसानी से भीड़ का निपटान होता रहा।

चार नंबर गेट पर बैरिकेड्स गिरे, बंद की टिकट

मंदिर प्रशासन ने 250 रुपए टिकट लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से चार नंबर गेट से प्रवेश की व्यवस्था की। सुबह 6 बजे से 9 बजे तक तो व्यवस्था ठीक रही, लेकिन इसके बाद एकाएक भीड़ बढऩे से श्रद्धालुओं की कतार लंबी हो गई। ऐसे में श्रद्धालुओं का सब्र टूटा तो यहां लगे बैरिकेड्स भी गिर गए। ऐसे में मंदिर समिति के कर्मचारियों को मशक्कत करना पड़ी। दोपहर 12.30 बजे 250 की शीघ्र दर्शन टिकट भी बंद कर दी गई।

अधिकारियों के परिवार के लोग करते रहे दर्शन

हालांकि सुबह से ही कलेक्टर और मंदिर कार्यालय का प्रोटोकाल बंद रहा। लेकिन अधिकारियों और पंडे पुजारियों के परिवार के लोग भगवान महाकाल के दर्शन करते रहे। गणपति मंडपम की दूसरे बेरिकेड्स से इनके दर्शन की व्यवस्था की गई थी। प्रतिवर्ष कोई सा भी त्योहार भगवान महाकाल के आंगन में मनाया जाता रहा हो, लेकिन अधिकारियों और पंडे पुजारियों के परिवार भगवान महाकाल के दर्शन से कभी वंचित नहीं रहते हैं।

Next Post

फिर सडक़ पर आने की तैयारी में बिनोद मिल की चाल के रहवासी

Sun Jan 1 , 2023
मिल की चाल में पहुंचकर की बैठक, कलेक्टर से करेंगे मुलाकात उज्जैन, अग्निपथ। बिनोद मिल की चाल के रहवासियों को चाल तोड़ दिए जाने के बाद से ही मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इनकी मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज […]