नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना सिर्फ योजना बन कर रह गई
देवास, अग्निपथ। क्षेत्र के एक दर्जन से ज्यादा गांवों के किसानों ने शिप्रा नदी में पानी की कमी को लेकर धरना दिया। रविवार को दिए धरने पर किसानों ने नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना को चालू करने की मांग की।
युवा किसान संगठन की पूरी टीम व दर्जन भर से अधिक गांव (पटाड़ा, ईश्वरखेड़ी, दखना खेड़ी, सन्नोड, डूंगरिया, रणायर, टिगरिया गोगा, मोला, कराडिय़ा, टिनोनीया, नावदा खेड़ी, धतुरिया) के किसान रविवार को ग्राम पटाडा में शिप्रा नदी में खड़े होकर नर्मदा शिप्रा लिंक योजना को चालू करने, सिंचाई व पीने के पानी की मांग की। संगठन अध्यक्ष रविंद्र चौधरी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने जब यह योजना शुरू की थी तो हमें कहां गया था कि इससे 3000 से अधिक गांव 70 से अधिक कस्बों में पीने का पानी व 17 लाख एकड़ जमीन को सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाएंगे।
जिसके चलते हम किसानों ने अपने खेतों में फसल की बुवाई कर दी पिछले वर्ष भी हमको अपने खून पसीने से तैयार की हुई फसल सरकार की ओर से पानी उपलब्ध न कराए जाने के कारण नष्ट हो गई। इस वर्ष पुन: हमारे जनप्रतिनिधियों और सरकार की निष्क्रियता के चलते हमें अपने बच्चों जैसी फसल को पानी के लिए तड़पते देखना पड़ रहा है जो हम सब किसानों को खून के आंसू रुला रहा है।
रविंद्र चौधरी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे पीने के व सिंचाई के पानी को पीथमपुर व देवास औद्योगिक क्षेत्र को बेच दिया। हम प्रदेश सरकार को आगाह करना चाहते हैं अगर समय रहते 3 दिन के अंदर अंदर हमें सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं कराया तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे और सरकार को क्षेत्र के किसानों के विरोध का सामना करना पड़ेगा साथ ही युवा किसान संगठन के उपाध्यक्ष राजेश पटेल ने सोमवार को सब किसान को 3:30 बजे भोपाल चौराहे पर एकत्रित होकर कलेक्टर कार्यालय पर ज्ञापन का आह्वान किया।
धरने में मुख्य रूप से अशोक चौधरी, घनश्याम चौधरी, राकेश पटेल, छोटेलाल पटेल, ओम प्रकाश जी मंडलोई, केदार जी पटेल, मनोज राजन, चिंतामन चौधरी, रमेश चौधरी, भगवान लाल पटेल, जगदीश पटेल, देवेंद्र चौधरी, राधेश्याम वैष्णव, जगदीश जाट, अंबाराम पटेल, व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।