उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की अगुवाई में 18वां अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2023 शिवसंभवम् शनिवार से त्रिवेणी संग्रहालय सभागार में शुरू हुआ। पहले दिन शास्त्रीय गायन, एकल तबला वादन और कथक नृत्य से शिव स्तुति की गई।
श्रावण महोत्सव की प्रथम संध्या की प्रथम प्रस्तुति का प्रारंभ कुमुद दीवान ने राग हंसध्वनि में बंदिश जय शिवशंकर अवघड़ दानी से किया। उसके बाद विलंबित लय में ठुमरी भोला लगावे बेड़ा पार, राज देश में भजन गल भुजंग भस्म अंग शंकर अनुरागी की प्रस्तुति दी। प्रस्तुति का समापन लोकप्रिय भोलेनाथ की होली खेले मसाने में होली दिगंबर से किया। तबला हितेंद्र दीक्षित व हारमोनियम पर भरत जोशी ने संगत की।
महोत्सव की दूसरी प्रस्तुति बनारस घराने के पद्मविभूषण पं. किशन महाराज के पौत्र एवं शिष्य शुभ महाराज के एकल तबला वादन की हुई। प्रस्तुति में महाराज ने बनारस घराने की ठेके के प्रकार, बांट, छंद- रॉव कई दुर्लभ बंदिशों की प्रस्तुति दी। हारमोनियम संगत दीपक खसरवाल ने की।
अतिथियों का सम्मान किया
प्रारंभ में दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि महंत विनीत गिरि महाराज श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, विजय कुमार सीजी कुलपति महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय व श्रावण महोत्सव के कलाकारों, आयोजक समिति ने किया। इसके बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष व कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, प्रशासक संदीप सोनी, सहायक प्रशासनिक अफसर आरके तिवारी, गौरी जोशी ने अतिथियों का सम्मान किया।
अगला आयोजन 15 को
श्रावण महोत्सव के तहत अगला आयोजन 15 जुलाई को होगा। इसमें डॉ. मधुमिता भट्टाचार्य नईदिल्ली शास्त्रीय गायन, महेश मलिक भोपाल वायलिन वादन और जिया जरीवाला सूरत भरतनाट्यम की प्रस्तुति देंगी। प्रथम संध्या की अंतिम प्रस्तुति उज्जैन की हीना वासेन के कथक नृत्य की हुई। कथक नृत्यांगना वासेन, पं. कृष्णमोहन महाराज की शिष्या हैं। उन्होंने शुरुआत में महाकाल वंदना भो शंभो की रचना से की। शुद्ध कथक नृत्य तीन ताल में पारंपरिक क्रम में उठान ठाट आमद तोड़े टुकड़े, परन लड़ी और गत निकास की मनोहारी प्रस्तुति दी। अंत में महाराज बिंदादीन रचित ठुमरी सब बन ठन आई श्याम प्यारी री की सुंदर भाव प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हुए।