सितंबर में ट्रायल रन की तैयारी, 3 हजार का स्टाफ मैदान में उतारा
इंदौर, अग्निपथ। सितंबर महीने में हर हाल में प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो का ट्रायल रन इंदौर में होना है और इसमें अब बहुत कम समय बचा है, ऐसे में पटरी बिछाने में तेजी लाने की कोशिश है। अब 20 अगस्त तक पटरी बिछाने के काम को पूरा करने का टारगेट रखा है। इसके लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि तय समय सीमा में काम पूरा हो सके। अभी तक 3 किमी वायाडक्ट और 1 किमी डिपो में पटरी बिछाई जा चुकी है। 3 हजार श्रमिक दिन-रात मेट्रो के काम में लगे हैं।
मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक मनीष सिंह ने समीक्षा बैठक कर अधिकारियों से ट्रायल रन को लेकर अब तक के काम की जानकारी ली। मेट्रो का काम दिन-रात चल रहा है। उन्होंने इंदौर मेट्रो में वायाडक्ट पर प्लिन्थ बीम के काम को दिन में बिना वजह बंद रखने को लेकर जनरल कंसलटेंट के परियोजना निदेशक साइमन फोरी तथा उप परियोजना निदेशक इंदौर जनरल कंसलटेंट परशुराम व महाप्रबंधक इंदौर मेट्रो रेल पर नाराजगी जताई।
इंदौर में अब तक लगभग 2105 मीट्रिक टन पटरी प्राप्त हो चुकी है और लगभग 3 किमी वायाडक्ट व 1 किमी डिपो में पटरी बिछाई जा चुकी है। इस पर अधिकारियों को पटरी के कार्य में तेजी लाने के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा है।
उन्होंने दो दिन में श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर 20 अगस्त तक पटरी का काम पूरा करने के निर्देश दिए। फिलहाल 3 हजार श्रमिक काम कर रहे है। इनकी संख्या को अब बढ़ाया जाएगा। अधिकारियों को सिंह ने साफ किया कि ट्रायल रन की डेट में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इसके पहले सभी काम पूरे हो जाने चाहिए। वे दस दिन बाद फिर समीक्षा बैठक करेंगे और निरीक्षण कर निर्माण कार्य की प्रगति पर अपडेट लेंगे।
गांधी नगर में रहेगा डिपो
गांधीनगर में इसका डिपो रहेगा। डिपो में मेट्रो ट्रेन के रखरखाव की व्यवस्था रहेगी। यह मेट्रो कॉरिडोर का एक-मात्र स्टेशन रहेगा जहां पर तीन ट्रैक रहेंगे। दो ट्रैक से जहां ट्रेन चलेगी वहीं तीसरे से डिपो में आएगी। गांधीनगर में करीब 26 हेक्टेयर जमीन पर डिपो का काम चल रहा है। मेट्रो डिपो में स्टेबलिंग यार्ड 28 लाइन का बनाया जाना है, लेकिन ट्रायल रन के पहले आठ लाइन का स्टेबलिंग यार्ड तैयार किया जाएगा।
इसके बाद अगले चरण में 20 लेन का ट्रैक तैयार होगा। डिपो के पास ही मेट्रो का 920 मीटर का टेस्ट ट्रैक भी बनकर तैयार है। मेट्रो ट्रेन के असेंबल होने के बाद इस ट्रैक पर मेट्रो ट्रेन को चलाकर उसकी जांच की जाएगी। इस ट्रैक पर पटरियों को बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है।