संडे को सिंहस्थ-सा माहौल: दोपहर तक 3 लाख से अधिक भक्तों ने किए भगवान महाकाल के दर्शन

छुट्टियों के कारण उज्जैन में अचानक उमड़ा दर्शनार्थियों का सैलाब

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में 13 अगस्त रविवार को अपार जनसमुदाय दर्शन के लिए पहुंचा है। सुबह से ही चारों ओर सिर्फ भीड़ ही दिखाई दे रही है। हालांकि मंदिर प्रशासन पहले से ही नागपंचमी पर 10 लाख लोगों के दर्शन की तैयारी की व्यवस्था कर चुका है। इस कारण रविवार को दर्शन व्यवस्था में कोई परेशानी नहीं आई। मंदिर समिति के मुताबिक दोपहर तक करीब 3 लाख से अधिक लोग भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे।

भगवान श्री महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रावण मास में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड आगमन हो रहा है। श्री महाकाल महालोक बनने के बाद श्रावण मास में 4 जुलाई से लेकर अब तक 1 करोड़ 07 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर चुके हैं।

मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्रावण माह में श्रद्धालुओं की गणना करने के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा लगाई गई हेड काउंट डिवाइस के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि, विगत एक माह में ही उज्जैन शहर में 1 करोड 07 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन हो चुका है। आज 13 अगस्त को दोपहर दो बजे तक 3 लाख 20 हज़ार 140 से अधिक दर्शनार्थियों ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किये।

भस्मारती में भी उमड़ी भीड़

रविवार तडक़े 3 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत पूजन किया गया। चंदन और कुमकुम से बाबा महाकाल के मस्तक पर सूर्य अर्पित कर दिव्य श्रृंगार किया गया। भगवान महाकाल को भस्म अर्पित करने के पश्चात रजत का त्रिपुण्ड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित किया गया, शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की भगवान महाकाल ने।

फल और मिष्ठान का भोग लगाया भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है। श्री महाकालेश्वर भगवान की चलित भस्मार्ती में रविवार को 43 हज़ार 2 सौ 53 भक्तों ने बाबा के दर्शन किये ।

क्यों उमड़ी दर्शनार्थियों की भीड़

  1. शनिवार, रविवार अवकाश के बाद मंगलवार को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस का अवकाश है। सोमवार के दिन छुट्टी लेने पर चार दिन के अवकाश का लाभ मिल रहा है। इस कारण चार दिनों के अवकाश का लाभ लेते हुए बाहर से काफी संख्या में दर्शनार्थी यहां पहुंचे हैं।
  2. 17 अगस्त को अधिकमास समाप्त हो रहा है। कई लोग अंतिम दौर में 84 महादेव और 9 नारायण-सप्त सागर की यात्रा करने की इच्छा से उज्जैन आये हैं।

भस्मारती अनुमति निर्धारित संख्या से अधिक, भीड़ बढऩे से हंगामा

रविवार सुबह भस्म आरती शुरू होने के पहले मंदिर में हंगामा हो गया। बताया गया कि जगह नहीं होने से श्रद्धालुओं को सभा मंडप में टीवी के सामने बैठा दिया था। इस कारण श्रद्धालुओं ने आपत्ति ली। सूत्रों के मुताबिक भस्मारती अनुमति निर्धारित संख्या में जारी की थी। भस्म आरती की अनुमति लेकर आने वाले श्रद्धालु जब मंदिर पहुंचे तो नंदी हॉल और बैरिकेड की जगह फुल हो चुकी थी।

ऐसे में अधिकांश श्रद्धालुओं को सभा मंडप में टीवी के सामने भस्म आरती देखने बैठा दिया। इस पर श्रद्धालु आक्रोशित हो गए। श्रद्धालुओं का कहना था कि यदि टीवी में ही भस्म आरती देखना थी तो हम मंदिर तक नही आते कहीं से भी देख लेते। अनुमति होने के बाद भी दर्शन के लिए बाहर बैठाया जा रहा है।

अफरा-तफरी की स्थिति के बाद सभी दर्शनार्थियों को अभिषेक स्थल पर बैठाया गया। इसके कारण चलायमान दर्शन व्यवस्था बंद की गई। दूसरी ओर चलायमान व्यवस्था बंद होने से मानसरोवर गेट से हरसिद्धि मंदिर चौराहे तक श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई थी।

सूत्रों के अनुसार भस्मआरती के दौरान कुछ वीआईपी को प्रोटोकॉल के तहत नंदी हॉल तक ले जाने के दौरान सभा मंडप में बैठे भक्तों ने आपत्ति लेते हुए उन्हें भी बैठाने की बात कही थी। अब सवाल यह है कि मंदिर प्रशासन ने निर्धारित अनुमति जारी की थी तो ऐसी स्थिति क्यों बनी।

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