आगामी दिनो में भी नहीं है बारिश के आसार, 25 तक हो सकती है मानसून की विदाई
शाजापुर। इस बार मानसून ने शहर का रूख ही नहीं किया और बिन बरसे रहा। जिसके चलते सितंबर माह में भी लोगों को तीखी धूप का सामना करना पड़ रहा है और लोगों को एक बार फिर कूलर-पंखों के सहारे दिन गुजारना पड़ रहे हैं। गुरूवार को शहर का अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री दर्ज किया गया।
केवल दिन का तापमान ही नहीं बल्कि रात में भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। रात में भी लोगों के पसीने छूट रहे हैं। रात का तापमान भी गुरूवार को 21.6 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग की माने तो आगामी दिनो में भी बारिश की संभावना नहीं है। यही नहीं 25 सितंबर तक मानसून की विदाई की भी संभावना मौसम विभाग द्वारा जताई जा रही है। इधर बारिश न होने से फसलो पर भी संकट छाया हुआ है।
मुरझाने लगे पौधे, फसलें हो रही खराब
किसान लगातार आसमान ताक रहे हैं। क्योंकि वर्तमान में फसलों को पानी की जरूरत है, जिसके अभाव में सोयाबीन के पौधे सूखकर मुरझाने लगे हैं हालांकि किसान अपने साधनों से उन्हें सहेजने के प्रयास कर रहे हैं जो नाकाफी साबित हो रहे हैं। किसानों ने बताया कि यदि एक दो दिन में बारिश नहीं होती है तो बहुत मुश्किल हो जाएगी। इधर मौसम विभाग ने बारिश की संभावना को लेकर असमंजस की स्थिति बताई है।
5 से 10 सितंबर तक छाएंगे बादल, बूंदाबांदी के भी आसार
मौसम विशेषज्ञ सत्येंद्र धनोतिया ने बताया कि 5 से 10 सितंबर तक मौसम में बदलाव होने की संभावना है। इस दौरान बादल छाएंगे लेकिन बारिश को लेकर कुछ नहंी कहा जा सकता। इस दौरान हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। यदि इस दौरान बारिश हो जाती है तो ठीक अन्यथा 25 सितंबर से मानसून विदा हो जाएगा।
जिले भर में फसलों पर छाया संकट
केवल जिला मुख्यालय ही नही बल्कि पूरे जिले के लोग मानसून की बेरूखी का सामना कर रहे है। भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री सवाईसिंह सिसौदिया ने बताया कि मानसून की बेरूखी के चलते सोयाबीन की फसल के साथ-साथ अन्य फैसले भी सूखने की कगार पर आ गई है कई स्थानों पर फसले सुख गई है इसी तरह शाजापुर जिले में भी सोयाबीन 70 से 75 प्रतिशत फसल खराब हो चुकी है। ऐसे में जिले का अन्नदाता की आर्थिक नुकसान से उसकी और परेशानियां बढ़ गई है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इस पर ध्यान देते हुए किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करे।
बारिश की लंबी खेंच से सूखने लगी सोयाबीन की फसल
पोलायकलां, अग्निपथ। कहते हैं कि खेती किसान का मानसूनी जुआ है और इसमें हर बार हरता किसान है। इस बार भी किसानों पर इंद्र देवता की बेरूखी है। नगर में अभी तक तेज बारिश बिल्कुल भी नहीं हुई है। यहां तक पोलाय कला का नाला बह कर नहीं निकला है। फिर भी किसानों ने अपने खेतों में फसल बोई जो कम बारिश की वजह से भी अच्छी थी मगर अब लगातार बारिश की बेरूखी से फसलें सूखने लगी है। कई खेत में सोयाबीन पीली पड़ गई है तो कहीं सूख कर काली हो गई हैं। जबकि अभी दाना बना न ही पका है।
यदि दो-चार दिन और बारिश नहीं होती है तो 50 प्रतिशत से ऊपर फसल पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। अब किसान चारों तरफ से परेशानी के हालत में है। प्याज लहसुन आज की फसल खराब हो गई थी पिछले वर्ष सोयाबीन में भी नुकसान हुआ था। इस बार इस बार दो-चार दिन और बारिश नहीं होती तो किस की परेशान और भी बढ़ जाएगी पैसे में किसान भगवान व सरकार की तरफ देखा रहा है।