अनेक कालोनियों में पानी भरा, लोग पार्षद और अफसरों को कोसते रहे
उज्जैन, अग्निपथ। बारिश ने निगम की सभी तैयारियों की पोल खोलकर रख दी। बारिश से घिरे लोगों को बाहर निकालने के लिए उज्जैन में नाव से रेस्क्यू करना पड़ा। मंत्री मोहन यादव लोगों को बाहर निकालने के लिए पहुंचे और निगम की टीम के साथ जाकर बाहर निकालकर लाए।
दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते शहर में हर तरफ पानी भर गया। निगम की सारी व्यवस्था चौपट हो गई। वार्ड 48 में शांति नगर, एकता नगर इलाके में पानी लोगों के घरों में भर गया। हालात यह हो गए कि लोग अपने-अपने घरों में घिर गए थे। जब यह जानकारी मंत्री मोहन यादव को मिली तो वे निगम अमले के साथ नाव लेकर पहुंचे और लोगों को रेस्क्यू किया।
उनके साथ स्थानीय पार्षद के पति गोपाल अग्रवाल और पार्षद संग्राम भाटिया भी मौजूद थे। लोगों ने बताया कि बाढ़ में उनके घर का सारा सामान गीला हो गया है। दो साल से वे परेशानी के बाद बच्चों को पाल रहे थे। परन्तु बाढ़ ने पूरी मेहनत खराब कर दी।
गोपाल अग्रवाल का कहना है कि नदी में जाने वाला पानी वार्ड में फैल गया, इससे लोगों के घरों में पानी भर गया है। ज्यादातार लोगों ने नाले पर मकान बना लिए हैं इससे ज्यादा समस्या आई। उनके वार्ड एकता नगर और बालाजी परिसर में लोगों के घरों तक छाती-छाती तक पानी भर गया था। करीब 45 लोगों को उनके वार्ड से रेस्क्यू किया गया है।
वार्ड 35 में 50 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। यहां सुदर्शन नगर, आदि में लोगों के घर पानी में डूब चुके हैं। एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी ने बताया कि रात साढ़े सात बजे तक सुदर्शन नगर से नगर निगम की टीम लगातार लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी हुई है। यहां पानी तब तक नहीं उतरेगा जब तक नदी में पानी कम नहीं होगा।
यहां भी दिन में हालात खराब रहे
वार्ड 10 में निचली झुग्गी झोपड़ी, वार्ड 8-9 में भी लोगों के सामने पानी भरने से संकट बना हुआ है। पारस नगर, गोन्सा में भी पानी भरने से लोग परेशान होते रहे। गांधी नगर, छोटी कमल कालोनी, बड़ी कमल कालोनी, गंगा नगर, बजरंग नगर में भी बाढ़ के हालत बने हुए हैं। जबकि निगम के पास आगर रोड, सांदीपनी नगर, इंडस्ट्री एरिया, मुनि नगर, नागझिरी आदि में पानी भरने से होने वाली परेशानी की शिकायतें लोगों द्वारा की गई।
कांग्रेस नेता विक्की यादव का कहना है कि उज्जैन की जनता भाजपा को जिताकर अपने को ठगा महसूस कर रही है। सांसद ,मंत्री, विधायक ,महापौर ,निगम अध्यक्ष और प्रदेश की सरकार सभी जगह भाजपा के ही नेता जनप्रतिनिधि बनकर बैठे है। परन्तु ये जनता के वोट का जनता को कोई लाभ नहीं दे रहे। एक दिन की बारिश इनके कारनामो की पोल खोल देती है । लगातर बत्ती गुल होती रहती है। चारों तरफ जनता व्यवस्थाओं के अभाव में परेशानी झेल रही है।
गंभीर डेम के पांच गेट 23 मीटर खोले
गंभीर डेम के पांच गेट 23 मीटर तक खोल दिए गए हैं। इसमें एक नंबर गेट एक मीटर, दो नंबर साढ़े छह मीटर, तीन नंबर साढ़े छह मीटर खोला गया है। नागदा और महिदपुर को अलर्ट किया गया है। यहां तहसीलदार की टीम लगातार रेस्क्यू करने में जुटी हुई है। अभी तक कोई हताहत या जनहानि की सूचना नहीं है। उज्जैन शहर में बढ़े पुल पर पानी चल रहा है। गणगौर दरवाजे के पास निगम की टीम और होमगार्ड को तैनात किया गया है।
तीन स्थानों पर रेस्क्यू और ठहराने की व्यवस्था
नगर निगम में बाढ़ से प्रभावित लोगों को तीन स्थानों पर ठहरने और रेस्क्यू की व्यवस्था की है। इसमें प्रजापत समाज की धर्मशाला, माडल स्कूल और दो तालाब के पास लोगों के खाने, ठहरने की व्यवस्था की गई है।
निगम आयुक्त ने मोर्चा संभाला
निगम आयुक्त द्वारा शांतिनगर, एकता नगर, प्रेम नगर, बुधवारिया, नगर कोट, नई सडक़, डाबरी पीठा, क्षीरसार इत्यादि के साथ ही नदी के आस-पास के क्षैत्रों का निरीक्षण करते हुए वहां के नागरिकों से चर्चा की गई एवं झोनल अधिकारीयों को निर्देशित किया कि ऐसे क्षैत्र जहां नागरिकों को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाना है तो झोन अन्तर्गत आने वाले क यूनिटी हॉल, स्कूलों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।
यह भी पढ़ेंः बारिश के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा का दूसरा मौका मिलेगा