बडऩगर में किया काबरा हॉस्पिटल का शुभारंभ
बडऩगर (अजय राठौड़), अग्निपथ। बडऩगर जैसी छोटी जगह में इतना बड़ा हॉस्पिटल स्थापित करना प्रशंसनीय है। डॉ. वासुदेव काबरा के नेतृत्व में इस परिवार की तीसरी पीढ़ी भी बडऩगर क्षेत्र के पीडि़तों-मरीजों के इलाज में पूरे समर्पण से सेवा दे रहे हैं, यह तारीफ की बात है। सभी चिकित्सक हमेशा अपने हृदय में दया करुणा और मानवता के भाव को सर्वोच्च स्थान दें।
यह बात मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन जिले के बडऩगर में काबरा हास्पिटल एवं रिसर्च सेंटर का शुभारंभ कर संबोधित करते हुए काबरा हॉस्पिटल परिसर में कही। इस दौरान कथा वाचक संत पं. कमल किशोर नागर, सांसद अनिल फिरोजिया, उज्जैन जिला प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, विधायक जितेंद्रसिंह पंड्या, नपा अध्यक्ष अभय टोंग्या आदि भी मंचासीन थे।
अतिथियों का स्वागत सम्मान काबरा परिवार के कृष्ण चंद्र काबरा, विवेक काबरा, प्रणव काबरा, रमा काबरा, भावना काबरा, रिंकू काबरा, रिचा काबरा, कृति काबरा, चारू काबरा आदि ने किया। हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. वीडी काबरा ने स्वागत उद्बोधन दिया। डॉ. प्रखर काबरा ने हॉस्पिटल के संबंध में जानकारी प्रदान की। संचालन अनिल पांचल ने किया व आभार नवीन काबरा ने माना।
चिकित्सा क्षेत्र में सरकार अनुदान देगी
मुख्यमंत्री ने संतों के मार्गदर्शन और उनके सुझाए मार्ग से प्रदेश की जनता की सेवा में आगे बढऩे की बात कहते हुए प्रदेश व क्षेत्र में हो रहे विकास के बारे में कहा कि राज्य शासन की पहल पर बडऩगर में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से सीमेंट कारखाना स्थापित हो रहा है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का औद्योगिक विकास होगा।
गौशालाओं की स्थापना को भी सरकार समुचित प्रोत्साहन दे रही है। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए निजी अस्पतालों, वेलनेस सेंटर, नेचुरोपैथी सेंटर की स्थापना सहित आयुर्वेद (आयुष) को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे निजी प्रयासों को भी राज्य सरकार अनुदान देगी। आपने आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की भी सराहना की।
हमारी काल गणना पद्धति वैज्ञानिक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नव संवत्सर का पहला दिन होने के चलते सबको शुभकामनाएं देते हुए बताया कि हमारी काल गणना पद्धति वैज्ञानिक और व्यवहारिक भी है। हमारी कालजयी पद्धति में एक सेकेण्ड के 34 हजारवें हिस्से की भी गणना की जाती थी। हमने वैदिक घड़ी बनाकर उस काल के महत्व को आज की नई पीढ़ी को समझाने की कोशिश की है।
विक्रम संवत् की स्थापना सम्राट विक्रमादित्य के पुरुषार्थ से हुई थी। सम्राट विक्रमादित्य ने सबको कर्ज मुक्त किया था। यह सब ऋणमुक्तेश्वर महादेव के असीम आशीर्वाद से ही हो पाया था। आपने बताया नवग्रह पूजन सिर्फ भारत में ही होता है। क्योंकि इस संसार के सभी ग्रह, उपग्रह, नक्षत्र, पिंड और समूचा ब्रह्मांड हमारा है। ये सभी हमारे लिए तबसे स्तुत्य हैं और आगे भी हमेशा पूजनीय ही रहेंगे।
तन मन और धन शुद्ध होना चाहिए- पं. कमलकिशोर नागर
इस अवसर पर मालव माटी के वरद पुत्र पण्डित कमल किशोर जी नागर ने अपने आशिर्वचन में कहा कि तन – मन और धन शुद्ध होना चाहिए। आपने कहा दवा पैसेे से खरीदी जाती है। दवा अगर काम करती तो वर्षों तक दवा खाने के बाद व्यक्ति ठीक नहीं होता है। किसी मरीज को ठीक करने में डाक्टर-वैद्य का यश कार्य करता है।
अदालत-अस्पताल यह प्रायश्चित के स्थान है। जहां हमारे धन की शुद्धि होती है क्योंकि हमें कष्ट प्राप्त होता है। पैसा शुद्ध नहीं है तो उसका प्रायश्चित भी नहीं हो सकता है। पहला सूख निरोगी काया है। और निरोगी तभी होंगे जब हम शुद्ध होंगे।