उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा दो दिन पहले घोषित हुए बीएड चौथे सेमेस्टर के परिणाम में फिर गड़बडी होने के कारण परिक्षेत्र के सैंकड़ो छात्र-छात्राएं परेशान हो रहे। शुक्रवार को देवास जिले से आए एक छात्र ने यहां तक कहा कि विश्वविद्यालय की गलती के कारण मेरा भविष्य दांव पर लगा है। ऐसे में परिणाम बिगडऩे से मैं सुसाइट कर लूंगा। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने आवेदन लेकर परिणाम दिखवाने का आश्वासन दिया है।
विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा 27 सितंबर को बीएड चौथे सेमेस्टर का परिणाम घोषित किया है। इस परिणाम में रतलाम, देवास सहित अन्य जिलों के विद्यार्थियों को शैक्षिक तकनीकी तथा सूचना एंव संप्रेक्षण तकनीकी विषय में कम नंबर देकर एटीकेटी दी है। परिणाम से असंतुष्ठ छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय पहुंचकर विरोध जताया।
गुरू द्रोण कॉलेज देवास के छात्र आशीष मालवीय ने कहा कि कॉलेज में पढऩे वाले विद्यार्थियों को एक ही विषय में दो-चार नंबर देकर एटीकेटी दे दी है। मालवीय ने कहा कि वह तीन सेमेस्टर में टॉपर रहा है। उसके तीनों सेमेस्टर में 75 से 85 प्रतिशत तक नंबर है, लेकिन चौथे सेमेस्टर में आकर पूरा परिणाम बिगड़ दिया है।
कॉलेज में 45 विद्यार्थियों में से 37 विद्यार्थी को दो से चार नंबर दिए है। यह कैसे संभव है। छात्र मालवीय ने कहा कि मैं वर्ग एक व दो में क्वालिफाय हो चुका हूं। चौथे सेमेस्टर में आकर विश्वविद्यालय ने मेरा भविष्य दांव पर कर दिया। ऐसे में मेरे सामने तो सुसाइट करने के सिवाय कुछ नही है।
छात्र-छात्राओं का कहना था कि विश्वविद्यालय को वापस से बीएड चौथे सेमेस्टर के लिए विशेष परीक्षा आयोजित होना चाहिए। जिससे हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ नही हो। हालांकि इस मामले में कुलसचिव डॉ प्रज्ज्वल खरे ने विद्यार्थियों से लिखित आवेदन लेने के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
तीन घंटे गेट पर बैठे रहे विद्यार्थी
देवास जिले के अलग-अलग कॉलेजों से एक ही विषय में एटीकेटी देने के कारण सुबह 11 बजे विश्वविद्यालय पहुंचे विद्यार्थियों को करीब तीन घंटे विश्वविद्यालय के गेट पर बैठकर इंतजार करना पड़ा। कुलपति और कुलसचिव कार्यपरिषद की बैठक होने के कारण छात्रों से नही मिल सके। बाद में एनएसयूआई ने आकर नारेबाजी की तो दोपहर 3 बजे कुलसचिव डॉ प्रज्ज्वल खरे ने बैठक से आकर समस्या सुनकर परीक्षा कंट्रोलर एमएल जैन को सैंपल चैकिंग कराने के लिए आवेदन लेने के निर्देश दिए।
बता दें कि विश्वविद्यालय में आए दिन परिणाम देरी से आने, परिणाम नेट पर गलत प्रकाशित करने, परिणामों में त्रुटी होने की शिकायतें लेकर रोज ही विद्यार्थी विश्वविद्यालय आते है।