दिल्ली पुलिस बोली- किसानों ने रूट नहीं बताया
दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से खरखौदा टोल प्लाजा का रूट परेड के लिए ऑफर किया था। यह रूट 63 किलोमीटर का है। किसान संगठनों ने तभी कहा था कि वो 100 किमी तक ट्रैक्टर परेड निकालना चाहते हैं।
शांतिपूर्ण रैली की मंजूरी, दिल्ली में रुकने की इजाजत नहीं होगी
आंदोलन से जुड़े स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने शनिवार को ही कहा था कि दिल्ली पुलिस और किसानों की बातचीत नतीजे पर पहुंच चुकी है। 26 जनवरी को पुलिस बैरीकेड्स खोल देगी और हम लोग दिल्ली में दाखिल होंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस रैली का फाइनल रूट रविवार को जारी किया जाएगा।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि किसान सिंघु, टीकरी, गाजीपुर, पलवल और शाहजहांपुर बॉर्डर प्वाइंट्स से दिल्ली में दाखिल होंगे। इस दौरान उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर रैली निकालनी होगी। हालांकि, रैली के बाद प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में रुकने की इजाजत नहीं दी गई है। उन्हें उन बॉर्डर प्वाइंट्स पर वापस जाना होगा, जहां वो दो महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
ट्रैक्टर परेड की तैयारियां तेज
किसान करीब एक महीने से ट्रैक्टर परेड की तैयारियां कर रहे हैं। पंजाब के कई शहरों और गांवों में इसकी रिहर्सल की जा रही है। पंजाब के कई जिलों से किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं।
किसान आंदोलन से पकड़ाया युवक हरियाणा का, मां घरों में झाड़ू-पोंछा करती है
किसान द्वारा पुलिस को सौंपा गया युवक योगेश हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है। युवक के ताऊ आनंद ने बताया कि 20 जनवरी के बाद भतीजा घर नहीं आया। उसकी गुमशुदगी की शिकायत देने के लिए पिता और भाई शुक्रवार को सिविल लाइन थाने में गए थे। पुलिस ने उन्हें कहा कि शनिवार को लड़के का फोटो लेकर आना। हो सकता है कि शनिवार तक वह घर भी आ जाए। रात को पुलिस घर पहुंची और योगी के पिता-भाई को साथ ले गई।
आनंद ने बताया कि योगी का कभी किसी शरारत में नाम नहीं आया। वह कुंडली काम करता था, लेकिन लॉकडाउन में काम छूट गया। बड़ा भाई कुंडली में ही काम करता है, मां घरों में झाड़ू- पोंछा कर गुजर-बसर करती है। योगी का पिता होटल में खाना बनाने का काम करता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद से स्थाई काम नहीं है। छोटी बहन दिल्ली में काम करती है। बड़े भाई और मां की कमाई से घर चल रहा है।