यातायात व्यवस्था सुधारने की कवायद, आरटीओ ने प्लान सौंपा
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में अब ई रिक्शा का संचालन मनमाने तरीके से नहीं होगा। इन्हें झोन वाइज चलाया जायेगा। यातायात व्यवस्था में बाधक बन रहे ई रिक्शा संचालन का प्लान आरटीओ ने तैयार कर कलेक्टर को सौंप दिया है, जिस पर निर्णय के बाद इसे लागू कर दिया जायेगा।
ई रिक्शा के अलावा लोक परिवहन के साधनों के अंतर्गत शहर में आटो, मैजिक और सिटी बसें भी संचालित होती हैं, इनके अलावा सुबह, दोपहर और शाम के समय स्कूल, कॉलेज बसें भी पुराने शहर में आवागमन करती हैं। ऐसे में दो पहिया और चार पहिया कार आदि का संचालन मुश्किल हो जाता है।
महाकाल लोक बनने के बाद शहर में आने वाले यात्रियों की सं या बढ़ते ही ई रिक्शा की बड़े स्तर पर खरीदी और शहर में संचालन शुरू हुआ है। ई रिक्शा संचालन के लिये परमिट, रूट आदि का प्रावधान नहीं है, इसी कारण ड्रायवर मनमाने तरीके से इसका शहर में संचालन करते हैं।
झोन वाइज प्लान बनकर तैयार
आगामी दिनों में शहर में इन्वेस्टर्स समिट, विक्रम व्यापार मेला, विक्रमोत्सव आदि बड़े आयोजन होना हैं जिनमें शामिल होने देश भर से अनेक व्यापारियों के अलावा नामी हस्तियां और मंत्री भी आएंगे। ऐसे में शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू बनाये रखने के उद्देश्य से कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा ई रिक्शा संचालन के लिये प्लान बनाने के निर्देश दिये गये थे। आरटीओ संतोष मालवीय ने झोन वाइज प्लान तैयार कर कलेक्टर को सौंपा है जिस पर निर्णय के बाद ई रिक्शा संचालन कराया जायेगा।
शहर में चल रहे 9500 ई-रिक्शा
शहर का क्षेत्रफल और जनसं या के मान से जरूरत 3 हजार ई रिक्शा की है लेकिन वर्तमान में 9500 ई रिक्शा का संचालन हो रहा है। खास बात यह कि अधिकांश ई रिक्शा संचालन अपने वाहनों को पुराने शहर में ही संचालित करते हैं। देवासगेट, रेलवे स्टेशन, महाकालेश्वर मंदिर, गोपाल मंदिर से लेकर उज्जैन दर्शन भी ई रिक्शा से कराये जा रहे हैं। जिससे पुराने शहर की यातायात व्यवस्था बाधित हो रही है।