12 घंटे में पुलिस ने किया वारदात का खुलासा-3 आरोपी हिरासत में
उज्जैन, अग्निपथ। बैंककर्मी की हत्या में शामिल 3 युवको को पुलिस ने 12 घंटे बाद हिरासत में ले लिया। उधार रुपयों को लेकर हत्या को अंजाम दिया गया था। बैंक कर्मी को मारने से पहले योजना बनाई गई थी। तीनों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है।
एसपी प्रदीप शर्मा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गुरुवार सुबह बिछडौद में रहने वाले यूको बैंक कर्मचारी लखन पिता सुरेन्द्र राठौर (25) की गांव के सुनसान क्षेत्र से सिर कुचली लाश पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर बरामद की थी। लाश के समीप ही बड़ा पत्थर पड़ा था, जिसे पर खून लगा था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। परिजनों से पूछताछ करने पर उन्होने बताया कि रात में खाना खाने के बाद निकला था, उसे गांव में रहने वाला जितेन्द्र पिता बाबूदास बैरागी बुलाने आया था। जब वापस नहीं लौटा तो उसके दोस्तों से पूछताछ की गई। सभी ने लखन को देखने की बात से इंकार कर दिया।
जितेन्द्र का नाम सामने आने पर उसे हिरासत में लिया गया। पूछताछ करने पर कुछ घंटे में वह टूट गया उसने सुमित पिता संतोष बोड़ाना और राजकुमार पिता सुरेश मारू के साथ हत्या करना कबूल कर लिया। पुलिस ने उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार किया। तीनों ने बताया कि लखन ब्याज से पैसे देता था।
उसने कुछ महीने पहले जितेन्द्र को ढाई लाख रुपये दिये थे। वह कुछ दिनों से रुपये वापस लौटने का दबाब बना रहा था। जितेन्द्र के पास रुपये नहीं थे। उधारी लौटाने से बचने के लिये उसने हत्या की योजना बनाई और बुधवार रात तीनों ने मिलकर साथ शराब पी। उसके बाद हत्या को अंजाम दिया।
जितेन्द्र बुलाकर लाया, साथियों ने घोंटा गला
तीनो आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि घटनास्थल मृतक के घर से आधा किलोमीटर दूर है। उक्त क्षेत्र रात में सूनसान रहता था। योजना के मुताबिक सुमित और राजकुमार पहले ही वहां पहुंच गये थे। जितेन्द्र बाइक लेकर जितेन्द्र के घर गया और उससे रुपयों के लेनदेन की बात करने का बोलकर अपने साथ ले आया।
घटनास्थल पहुंचने पर बातचीत शुरू की गई। लखन रुपये लौटाने की बात पर अड़ा रहा। तभी सुमित और राजकुमार ने उसके गले में पीछे से रस्सी डाल दी और गला दबा दिया। उसके बेसुध होकर गिरते ही जितेन्द्र ने पहले से वहां रखे पत्थर से सिर पर वार किया। उसके बाद तीनों ने 3 से 4 बार सिर को पत्थर से कुचला और भाग निकले।
गांव वालों ने किया चक्काजाम
लखन की लाश मिलने और उसकी किसी रंजीश नहीं होने पर परिजन और गांव वाले का गुस्सा फूट पड़ा था। उसकी सिर कुचलकर निर्मम हत्या की गई थी। जिसके चलते पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक अंतिम संस्कार नहीं करने की बात कहते हुए गांव के मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया था। एएसपी नितेश भार्गव और एसडीओपी भारतसिंह यादव की समझाईश के बाद देर शाम मृतक का अंतिम संस्कार कराया गया था। पुलिस ने जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था।