सुबह पूजन-अभिषेक के बाद अमावस्या पर तर्पण, पिंडदान के साथ दान-पुण्य
उज्जैन, अग्निपथ। गुरुवार को अमावस्या पर शनि जयंती के अवसर पर सुबह से मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इंदौर रोड स्थित शनि नवग्रह मंदिर त्रिवेणी पर भगवान शनि देव का पूजन-अभिषेक कर श्रृंगार किया गया। भक्तों ने शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काले तिल, तेल, काला वस्त्र अर्पण कर ग्रह दशा सुधारने के लिए प्रार्थना की। शहर के अन्य मंदिरों में सुबह से श्रद्धालु भगवान शनिदेव दर्शन के लिए पहुंचने लगे थे। वहीं शिप्रा नदी में भी श्रद्धालु अमावस्या का स्नान करने पहुंचे।
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर गुरुवार को शनि प्रकट उत्सव मनाया गया। इस बार शनि जयंती पर रोहिणी नक्षत्र ध्रति योग एवं वृषभ राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में है। शनि प्राकट्य उत्सव पर केंद्र में पांच ग्रह सूर्य, चंद्र, बुध, गुरु, शुक्र पांच ग्रहों की युति बनी है। इनमें शुक्र का केंद्र में होने से मालव्य योग और शनि के केंद्रगत होने से शश योग बना है। ऐसी स्थिति सालों बाद बनती है। शहर में त्रिवेणी स्थित शनि नवग्रह मंदिर के अलावा ढाबा रोड स्थित गेबी हनुमान की गली के सामने प्राचीन शनि मंदिर, नईपेठ स्थित प्राचीन शनि मंदिर जहां शिवलिंग के रूप में शनि देव का पूजन किया जाता है।
सुबह धार्मिक अनुष्ठान, पूजन-अभिषेक के बाद भगवान शनिदेव का विशेष शृंगार किया गया। शनि मंदिरों में सुबह से ही धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई। कहा जाता है कि जन्म कुंडली में शनि की विपरीत स्थिति, कमजोर स्थिति, महादशा, अंतर्दशा या शनि की साढ़ेसाती लघु ढैय्या को अनुकूल बनाने के लिए शनि जयंती पर भगवान शनि देव की विशेष उपासना की जाती है।
इसके अंतर्गत महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र, शनि स्तोत्र, शनि स्तवराज, शनि अष्टक, शनि चालीसा का पाठ, शनि के वैदिक मंत्रों का जाप शनि की वस्तुओं का दान करने से शनि महाराज प्रसन्न होते है।
शिप्रा नदी में स्नान को पहुंचे श्रद्धालु
अमावस्या होने से गुरुवार को शिप्रा नदी पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान किया। रामघाट सहित अन्य घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान करने के बाद अपने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, तर्पण कार्य भी कराया। वहीं घाट पर दान-पुण्य के बाद मंदिरों में दर्शन के लिए भीड़ रही। ग्रीष्म अवकाश होने से शिप्रा में स्नान के लिए बाहर के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में आ रहे है। घाट पर तैनात होमगार्ड और तैराक दल नदी में नहाने वाले श्रद्धालुओं पर नजर बनाए हुए है।
सिलेश्वर शनि देव मंदिर में लगाया सवा क्विंटल नुक्ति का भोग, हुई महा आरती
उज्जैन, अग्निपथ। गुरुवार को शनि जयंती के उपलक्ष में दूध तलाई स्थित अति प्राचीन सिलेश्वर शनि देव मंदिर में भगवान का आकर्षक श्रंगार कर सवा क्विंटल नुक्ति का भोग लगाया गया।
शाम को महा आरती की गई। शनि मंदिर के पुजारी कृष्णकांत जोशी ने बताया कि शनि जयंती और अमावस्या के महायोग पर श्री सिलेश्वर शनि भगवान का आकर्षक श्रृंगार कर नुक्ति का महा भोग लगाया गया। शाम को महा आरती की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में दर्शन करने श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। पं. जोशी ने बताया कि भगवान शनि के दर्शन करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है।