यात्रियों की जान खतरे में, पुलिस चैकिंग की दरकार
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में लगभग 6000 ई रिक्शा संचालित किया जा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर ई रिक्शा चालक महाकाल और अन्य धार्मिक क्षेत्र में श्रद्धालुओं को यात्रा करवा रहे हैं। लेकिन इनमें से कोई रिक्शा चालक सुबह 6 बजे से ही शराब का नशा कर लेते हैं। इसके बाद ई रिक्शा का संचालन करते हैं, जिसके चलते यात्रियों की जान आफत में फंसी हुई है।
सुबह-सुबह यदि शराब दुकानों के बाहर चैकिंग की जाए तो यहां पर कई ई-रिक्शा खड़े हुए दिखाई दे जाएंगे। जिनके ड्राइवर शराब का सेवन करते हुए नजर आएंगे। ऐसे में धार्मिक क्षेत्र उज्जैन में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की जान जोखिम में है। क्योंकि यह नशे में ही श्रद्धालुओं को सभी धार्मिक स्थलों की यात्रा करवा कर उनसे पैसा वसूल कर रहे हैं।
यदि यातायात विभाग इन ई रिक्शा ड्राइवरों की चैकिंग ब्रेथ एनालाइजर मशीन से करें तो हकीकत सामने आ जाएगी। यातायात पुलिस ई रिक्शा संचालकों को समय-समय पर नशा नहीं करने की हिदायत दे और उनका टेस्ट करवाए। साथ ही नशा कर गाड़ी चलाने वाले ई रिक्शा संचालकों का परमिट निरस्त करने के कार्रवाई भी करना चाहिये।
यातायात पुलिस को किया आगाह
असंगठित ई-रिक्शा चालक परिचालक संघ द्वारा आरटीओ और यातायात विभाग को इस बारे में आगह किया गया कि कुछ ई-रिक्शा चालक मदिरा पीकर ई रिक्शा चला रहे हैं। वहीं नाबालिग चालक भी ई रिक्शा चलाकर दुर्घटना को आमंत्रित कर रहे हैं। इन पर कार्रवाई की जाना चाहिए। फिलहाल इस तरह की कोई कार्रवाई आरटीओ या यातायात पुलिस द्वारा नहीं की गई है।
केवल 31 दिसम्बर की रात को ही होती है चैकिंंग
सडक़ पर शराब पीकर वाहन चलाना निषेध है। दूसरे वाहन चालकों को छोड़ दें तो बाहर से आने वाले यात्रियों को अधिकांश ईरिक्शा चालक धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाते हैं। नशे में रहने से यात्रियों से विवाद आदि का खतरा तो है ही साथ ही ईरिक्शा का चालन सही नहीं करने से दुर्घटना होना भी संभावित है। वैसे भी ई-रिक्शा यात्रियों के लिए सुरक्षित वाहन नहीं है। ऊंचाई या स्टॉपर आते ही यह अनियंत्रित होकर गिरने लग जाता है। ऐसे में अपने वाहन में नशा कर इसका संचालन करने वाले ई रिक्शा चालक यात्रियों के लिए खतरा पैदा कर देते हैं।
पुलिस द्वारा केवल 31 दिसम्बर की रात को ही वाहन चालकों का ब्रेथ एनालिसिस टेस्ट करता है। बाकी के अन्य दिनों में वाहन चालक का इस तरह का कोई टेस्ट नहीं किया जाता है।