गिराऊ पेड़ों की कब सुध लेगा नगर निगम

नगरनिगम की पेड़ काटने वाली गाड़ी बुलाओ तो करते हैं नाटक, एमपीईबी की लाइन हटवाना उपभोक्ता के जिम्मे

उज्जैन, अग्निपथ। बारिश का मौसम शुरू होते ही पेड़ों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है। शहर के मुख्य मार्ग और गली मोहल्ले में स्थित कई ऐसे पेड़ है जो गिराऊ स्थिति में हैंं। लेकिन नगर निगम की पेड़ काटो गैंग द्वारा इनकी शिकायत होने के बावजूद नहीं काटा जा रहा है। जनप्रतिनिधि भी यदि इन गाडिय़ों को बुलाते हैं तो एमपीईबी की लाइनों का हवाला देते हुए इन पेड़ों को ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। कई पेड़ तो ऐसे हैं जोकि नागरिकों के घरों के सामने लगे हैं और इन पर गिरने की स्थिति में हैं।

शहर में सैकड़ों की संख्या में गिराऊ पेड़ मौजूद हैं। जोकि सडक़ किनारे अथवा गली मोहल्लों के घरों के सामने लगे हुए हैं। जोकि दुर्घटना को आमंत्रित कर रहे हैं। यह पेड़ जामुन, नीम अथवा कच्चे होने के कारण जरा सी बारिश के दौरान ही सडक़ पर गिरकर दुर्घटना को आमंत्रित करते हैं। लेकिन नगर निगम की टीम को शिकायत करने का बावजूद यह आते तो है लेकिन एमपीईबी की लाइन का हवाला देते हुए लाइन बंद करवाने का उपभोक्ता से कहते हैं।

ऐसे में उपभोक्ता मजबूरन या तो अधिक पैसे देकर दूसरे से इनकी छंटाई करवाता है अथवा ऐसी ही स्थिति में भगवान भरोसे छोड़ देता है। अब जब तेज बारिश होना शुरू हुई है तो शहर के कई कमजोर पेड़ जमीदोज होना शुरू हो गए हैं। हाल ही में सोमवार को क्षीर सागर स्थित एक पेड़ जमींदोज हो गया था।

इसके पहले कोठी रोड स्थित मुख्य सडक़ पर लगा एक पेड़ भी सडक़ पर गिर गया था। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। लेकिन नगर निगम की पेड़ काटो गैंग द्वारा इनका संज्ञान नहीं लेकर पेड़ काटने अथवा छंटाई का काम नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते दुर्घटना की संभावना बनी हुई है।

निगम ने गैंग को बनाई, काम नहीं करती

हालांकि नगर निगम द्वारा आवारा पशु हटाओ गैंग, पेड़ काटो गैंग सहित अन्य गैंग बनाकर रखी हैं। लेकिन एक भी गैंग शहर के विकास में अपना कोई सहयोग प्रदान नहीं कर रही है। आम नागरिक वैसे ही परेशान हो रहा है जैसे की पहले होता था। ऐसे में आम नागरिक नगरनिगम के अधिकारियों से सवाल कर रहा है कि इनके द्वारा किन बातों की मॉनिटरिंग की जा रही है। केवल शासन द्वारा प्रदत्त कार्यक्रम ही निपटाए जा रहे हैं अथवा आम नागरिकों की बात भी सुनी जा रही है। ऐसे में संपत्ति कर अथवा नगर निगम का टैक्स भरने वाले उपभोक्ता इस तरह की बदइंतजामी झेलने पर मजबूर हैं।

पेड़ काटो तो जेल या जुर्माना

अपने घर के सामने लगे हुए गिराओ पेड़ों को यदि आम नागरिक कटवाता है अथवा उसके छंटनी करवाता है तो नगर निगम द्वारा सूचना मिलने पर उपरोक्त नागरिक पर कार्रवाई की जाती है। जिसमें बड़े जुर्माने सहित जेल जाने की कार्रवाई का भी प्रावधान है। ऐसे में आम नागरिक दोनों ओर से विवश है।

क्योंकि नगर निगम अपना काम नहीं करती है और दूसरे और उसके सामने इस तरह के नियम कानून कायदे रख दिए जाते हैं। नगरनिगम की लापरवाही के कारण नागरिकों को बारिश के इस मौसम में गिराऊ पेड़ों के कारण जनहानि का अंदेशा है। नगर निगम की पेड़ काटो गैंग अपनी लापरवाही से मजबूर है और इनके नियम कानून कायदे के कारण नागरिकों की जान आफत में बनी हुई है।

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