सिंहस्थ 2028 : स्नान के लिए शिप्रा किनारे 29 किमी लंबे नए घाट बनेंगे

14 करोड़ श्रद्धालु के आने का अनुमान

उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ में शिप्रा में स्नान का खास महत्व है। वर्ष 2028 के सिंहस्थ में करीब 14 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसी आंकड़े को ध्यान में रखते हुए मेले की विभिन्न तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में शिप्रा के दोनों किनारों पर 29.5 किमी लंबे नए घाट बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालु आसानी से स्नान कर सके।

नए घाटों के लिए जल संसाधन विभाग ने प्रशासकीय स्वीकृति के लिए शासन को 778 करोड़ के प्रस्ताव बनाकर भेज रखे हैं। ये घाट शिप्रा किनारे के नए स्थानों (जहां अब तक घाट नहीं हैं) वहां या फिर (बीच में यदि कहीं घाट नहीं है) वहां के लिए प्रस्तावित हैं। पिछले 2016 के सिंहस्थ में करीब 8 करोड़ श्रद्धालु आए थे, आने वाले सिंहस्थ में ये संख्या बढक़र करीब 14 करोड़ होने का अनुमान है।

नए घाटों से स्नान की व्यवस्था के साथ-साथ भीड़ प्रबंधन में भी मिलेगी मदद

शिप्रा किनारे नए घाट बनने से जहां श्रद्धालुओं को स्नान करने की सुविधा मिलेगी, वहीं अधिकारियों को भीड़ प्रबंध में भी मदद मिलेगी। वह ऐसे कि जब दूर-दूर तक शिप्रा किनारे श्रद्धालुओं को लंबाई में घाट बने मिलेंगे तो वे वहीं स्नान करके आगे चलने लगेंगे। ये क्रम चलता रहेगा। स्नान के लिए श्रद्धालुओं का दबाव स्थान विशेष के घाट पर नहीं रहेगा। भीड़ प्रबंध आसानी से हो सकेगा। घाटों से कनेक्टिविटी वाले मार्गों से श्रद्धालुओं का आवागमन होता रहेगा।

उम्मीद हैं जल्द स्वीकृति आएगी, टेंडर के बाद काम होगा

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को उम्मीद हैं कि उन्होंने नए घाटों को लेकर जो प्रस्ताव शासन को भेजे हैं, जल्द ही उन्हें प्रशासकीय स्वीकृति मिलेगी। इससे पहले विभाग के कान्ह क्लोज डक्ट व कई बैराज के निर्माण की स्वीकृति मिली और कुछ के लिए तो काम भी शुरू हो चुका है। घाटों के लिए स्वीकृति आने पर टेंडर के बाद काम शुरू करेंगे।

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