नलखेड़ा, अग्निपथ। जिले के कृषकों को अमानक खाद का विक्रय करने पर आगर थाने में निर्माता कंपनी व उसके क्षेत्रीय खाद विक्रेता पर प्रकरण दर्ज किया गया। यह प्रकरण उर्वरक निरीक्षक की शिकायत पर दर्ज किया है।
आगर पुलिस के मुताबिक अमानक खाद विक्रय के मामले में आगर के छावनी क्षेत्र स्थित मुरली मनोहर कृषि सेवा केंद्र संचालक करण यादव निवासी ग्राम पाचारुंडी, आगर तथा उर्वरक निर्माता कंपनी मेसर्स ग्रीन गोल्ड क्रॉप बायो साइंस प्लॉट औरंगाबाद महाराष्ट्र के विरुद्ध उर्वरक निरीक्षक गोपाल बोयल द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई है।
शिकायत के मुताबिक इस साल 27 जुलाई को मुरली मनोहर कृषि सेवा केंद्र आगर से नाइट्रेट 18.5 प्रतिशत, 15.5 प्रतिशत का नमूना लिया गया था जो की नमूना विश्लेषण हेतु उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला सागर को भेजने पर सहायक रसायन विशेषज्ञ उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला द्वारा उक्त नमूना की जांच में कैल्शियम व नाइट्रेट नहीं पाया गया। इस तरह खाद अमानक घोषित किया गया।
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग आगर द्वारा उक्त उर्वरक विक्रय प्रतिबंध व परिवहन पर रोक लगाई जाकर सूचना संबंधित उर्वरक विक्रेता एवं उर्वरक कंपनी को दी गई थी। अमानक उर्वरक क्रय विक्रय किया जाना संदर्भित पत्र अनुसार उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 के खंड ५ की धारा 19(ए) एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/ 7 का उल्लंघन किया जाना सिद्ध होता है।
इसके चलते उर्वरक विक्रेता मुरली मनोहर कृषि सेवा केंद्र छावनी के प्रोप्रायटर करण पिता गंगाराम यादव तथा उर्वरक निर्माता कंपनी मेसर्स ग्रीन गोल्ड क्रॉप बायो साइंस औरंगाबाद महाराष्ट्र के विरुद्ध जिले के कृषकों को अमानक उर्वरक का क्रय विक्रय करने के कारण आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 एवं उर्वरक (अकार्बनिक ,कार्बनिक एवं मिश्रित ) गुण नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 19(ए) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। उर्वरक निरीक्षक विकास खंड आगर आवेदन मजमून से प्रथम दृष्टया धारा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/ 7 का दंडनीय पाए जाने से अपराध पंजीबद्घ किया गया।