उज्जैन में क्षिप्रा किनारे बनेगा 29 किमी लंबा घाट

मध्यप्रदेश में खुद बना सकेंगे ऑनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, गलत जानकारी दी तो सजा मिलेगी

भोपाल। मध्यप्रदेश के लोग अब खुद ही सर्टिफाइड कर ऑनलाइन जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बना सकेंगे। इसके लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। गलत सर्टिफाइड करने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।

मोहन सरकार की साल 2024 की आखिरी कैबिनेट मीटिंग में गुरुवार को ये बड़ा फैसला लिया गया। इसके अलावा सरकार ने तय किया है कि उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे 29 किलोमीटर लंबा घाट बनाया जाएगा।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान एक दिन में दो करोड़ लोगों के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया है। 29 किलोमीटर का घाट शिप्रा नदी के दायें किनारे पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक बनेगा। इसकी लागत 771 करोड़ रुपए होगी।

11 केवी फीडर्स को सोलराइज किया जाएगा

नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा- किसानों की डिमांड को देखते हुए 11 केवी फीडर्स को सोलर प्लांट से जोड़ा जाएगा। इसके बाद किसानों को दिन में भी पर्याप्त बिजली दी जा सकेगी।

इस काम में प्रति मेगावाट 4 करोड़ का खर्च आएगा। भारत सरकार की ओर से प्रति मेगावाट एक करोड़ की सहायता दी जाएगी। इसमें प्राइवेट सेक्टर भी इन्वेस्ट कर सकता है।

सरकार ने यह भी तय किया है कि एमपी में सौ फीसदी एरिया को सिंचित बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को प्लान बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कार्बन क्रेडिट का लाभ प्रदेश को मिल सके, इस पर भी काम कर रहे हैं।

एमपी में सौ फीसदी सिंचाई रकबा बनाने का प्लान

मंत्री विजयवर्गीय ने बताया, कैबिनेट ने तय किया है कि एमपी को सौ फीसदी सिंचित एरिया बनाया जाएगा। सरकार का कहना है कि केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से सिंचाई और पीने के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। एमपी का सिंचाई रकबा भी बढ़ेगा। इन परियोजनाओं में 90 फीसदी राशि केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार देगी।

पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना से मध्यप्रदेश के 6.13 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। कैबिनेट में पेश प्रस्ताव में बताया गया कि नदी जोड़ो परियोजना की 19 में से 16 योजनाओं को आज मंजूर कर लिया गया है। दो को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। एक परियोजना पर काम चल रहा है, जिसे जल्द ही मंजूरी दी जाएगी।

धरती आबा योजना को कैबिनेट में मंजूरी

विजयवर्गीय ने कहा- ट्राइबल एरिया के लिए समेकित योजना के माध्यम से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना में पंचायत, आंगनबाड़ी, स्कूल भवन का पंजीयन और सौ फीसदी लाभ दिलाने के लिए काम करना है। केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 52 जिलों के आदिवासियों को इसका लाभ मिलेगा। इन गांवों में आदिवासियों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है।

कैबिनेट बैठक में ये फैसले भी हुए

  • पॉलिटेक्निक, यूनानी चिकित्सा शिक्षण संस्थाओं में इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स के स्टायपेंड को महंगाई सूचकांक से जोड़ा जाएगा। महंगाई बढऩे के साथ उनके स्टायपेंड की राशि बढ़ती जाएगी।
  • पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत सभी पंचायतों में अटल ग्रामीण सेवा सदन बनाए जाएंगे।
  • मोहन सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर प्रदेश के 70 फीसदी जिलों में जन कल्याण शिविर लगाए गए हैं। इस दौरान सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सबसे अधिक 94 हजार फॉर्म उज्जैन में मिले हैं।

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