अब व्यापारी को मिल गया मंदिर गर्भगृह में प्रवेश

पत्नी सहित 10 मिनट तक अंदर करते रहे पूजन, समिति के वरिष्ठ अधिकारी भी सकते में

उज्जैन, अग्निपथ। एक आईपीएस सहित दो डिप्टी कलेक्टर और करीब 9 अधिकारियों सहित सैकडों कर्मचारी की तैनाती के बाद भी एक बार फिर महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के नियम तोड़े गए। मामला सोमवार दोपहर का है। कल्याणी समूह के प्रमुख अरबपति व्यवसायी बाबा साहेब नीलकंठ कल्याणी और उनकी पत्नी ने बिना अनुमति के गर्भगृह में प्रवेश कर करीब 10 मिनट तक पूजन अर्चन किया। मामला समझ में आने से पहले दोनों दर्शन कर बाहर आ चुके थे।

बता दें कि महाकाल मंदिर के गर्भगृह में किसी भी श्रद्धालु के प्रवेश पर करीब डेढ़ वर्ष से रोक लगी हुई है। सिर्फ पंडे-पुजारियों, सीएम, राज्यपाल या अतिविशिष्ट श्रद्धालु को ही अनुमति लेकर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति है। श्रद्धालु शिवलिंग से 50 फीट दूर से दर्शन कर सकते हैं। सोमवार को बिना अनुमति के गर्भगृह में प्रवेश की जानकारी मिलते ही महाकाल मंदिर में अधिकारियों के बीच हडक़ंप मच गया।

जिसके बाद आनन फानन में पता लगाया गया की कौन बिना इजाजत गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन कर गया है। तो पता चला कि उत्तम स्वामी महाराज और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आए थे। उनके साथ देश के अरबपति व्यवसायी बाबा नीलकंठ कल्याणी और उनकी पत्नी भी साथ में थी। दोनों ने उत्तम स्वामी महाराज के साथ गर्भगृह में प्रवेश कर लिया था। पति-पत्नी बिना इजाजत गर्भगृह में घुसे और फिर करीब 10 मिनट तक पुजारी द्वारा पूजन कराया गया।

नाम की गफलत से गर्भगृह में प्रवेश

इधर महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा की वे उत्तम स्वामी जी के गर्भगृह में प्रवेश करने के बाद नाम की गफलत में बाबा कल्याणी अंदर चले गए। दरअसल उनका पूरा नाम बाबा कल्याणी है। मंदिर के कर्मचारियों ने उनके नाम के कारण उन्हें भी साधु-संत समझकर गर्भगृह में प्रवेश करा दिया।

मामले को दबाने का प्रयास

इससे पहले एक युवक द्वारा गलती से गर्भगृह में प्रवेश करने बाद उसके खिलाफ महाकाल थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। लेकिन कल्याणी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर द्वारा प्रतिबंध के बाद भी गर्भगृह में प्रवेश करने को लेकर प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। बल्कि मामले को दबाने के दिन भर प्रयास चलते रहे।

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