नागचंद्रेश्वर में घोड़ा अर्पित कर समाप्त की पंचकोशी यात्रा

वैशाख की अमावस्या पर शिप्रा स्नान श्रद्धालु अष्टतीर्थ यात्रा पर रवाना

उज्जैन, अग्निपथ। वैशाख मास की पंचकोसी यात्रा अमावस्या पर संपन्न हुई। यात्रा 23 अप्रैल से शुरू होनी थी। कई श्रद्धालु दो दिन पहले ही यात्रा पर निकल गए थे। श्रद्धालुओं ने पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन किए। यहां मिट्टी के अश्व अर्पित कर बल लौटाया। इसके बाद शिप्रा नदी में स्नान किया।

नागचंद्रेश्वर मंदिर के पुजारी अनिमेष शर्मा के अनुसार यह यात्रा दशमी से शुरू होकर अमावस्या को समाप्त होती है। श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर को श्रीफल अर्पित कर बल प्राप्त करते हैं। उज्जयिनी के चार द्वारपाल शिवलिंगों (पिंग्लेश्वर, दुर्दुरेश्वर, कायावरुणेश्वर और बिलकेश्वर महादेव) में पूजन किया जाता है।

हर साल हजारों यात्री 118 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं। यात्रा के कारण महाकालेश्वर, मंगलनाथ, गोपाल मंदिर और हरसिद्धि माता मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। कई संस्थाओं ने यात्रियों को ठंडा पानी, शरबत और भोजन वितरित किया। शिप्रा नदी के घाट पर होमगार्ड और एसडीईआरएफ के जवान सुरक्षा के लिए तैनात रहे।

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