शिक्षा के महाकुंभ में उज्जैन ने मारी बाजी; स्कूल नामांकन अभियान में प्रदेश में अव्वल

स्कूल नामांकन अभियान

हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाने का सपना हुआ साकार

उज्जैन, अग्निपथ। शिक्षा के क्षेत्र में उज्जैन जिले ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है! मध्य प्रदेश शासन के महत्वाकांक्षी स्कूल नामांकन अभियान में उज्जैन जिला पूरे राज्य में पहले स्थान पर आया है। यह गौरव जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक अशोक त्रिपाठी की जानकारी के अनुसार प्राप्त हुआ है, जिन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर बच्चे तक पहुंचाने के उद्देश्य से चलाए गए इस विशेष अभियान ने उल्लेखनीय सफलता अर्जित की है। 1 अप्रैल से शुरू हुए इस अभियान में आज तक किए गए अथक प्रयासों का ही यह परिणाम है कि उज्जैन ने राज्य स्तरीय रैंकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।

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कक्षा 1 और 6 पर विशेष फोकस, ड्रॉपआउट दर घटाने का लक्ष्य

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों को स्कूल से जोड़ना, ड्रॉपआउट दर को कम करना और शिक्षा के अधिकार को प्रभावी बनाना था। विशेष रूप से कक्षा 1 और कक्षा 6 में नामांकन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया, क्योंकि ये प्रवेश स्तर की कक्षाएं हैं जहाँ बच्चों को औपचारिक शिक्षा से जोड़ने का पहला अवसर मिलता है। इस प्रयास से यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे।

नेतृत्व और समन्वय की कहानी: कैसे मिली यह सफलता?

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के पीछे उज्जैन के प्रशासनिक नेतृत्व का बड़ा योगदान है। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के कुशल मार्गदर्शन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जयति सिंह तथा जिला परियोजना समन्वयक अशोक त्रिपाठी के विशेष प्रयासों से ही जिले को यह गौरव प्राप्त हुआ है।

जिले के सभी शासकीय और अशासकीय विद्यालयों ने एक साथ मिलकर, एक टीम के रूप में काम किया। इस सामूहिक प्रयास का ही फल है कि जिले में अधिकतम नामांकन सुनिश्चित किया जा सका। विकासखंड स्तर से भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी हुई और आसपास के क्षेत्रों से उन ड्रॉपआउट विद्यार्थियों को फिर से विद्यालयों से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए गए, जिन्होंने किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी।

घर-घर संपर्क और ‘बाल सभा’ से बढ़ी जागरूकता

कक्षा 1 में नामांकन बढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों, महिला बाल विकास विभाग और समग्र पोर्टल से बच्चों की सूची प्राप्त कर प्रत्येक बच्चे को नामांकित करने का सघन प्रयास किया गया। अभियान को सफल बनाने के लिए, जिला परियोजना समन्वयक ने स्वयं प्रत्येक विकासखंड का दौरा किया और बैठकों का आयोजन कर विकासखंड अमले को प्रोत्साहित किया।

उनकी निगरानी में, प्रतिदिन समस्त एपीसी, बीआरसी, बीएससी और सीएससी से वी.सी. के माध्यम से नामांकन की प्रगति की जानकारी ली जाती थी। विद्यालय स्तर पर शिक्षकों ने घर-घर जाकर अभिभावकों से गृह संपर्क किया और संवाद स्थापित किया, जिससे अभिभावकों को शिक्षा के महत्व और नामांकन के लाभों के बारे में जागरूक किया जा सके।

विकासखंडों के गांवों में बाल सभा, रैली, नुक्कड़ नाटक और पोस्टर के माध्यम से व्यापक जागरूकता फैलाई गई। विद्यालयों में अभिभावकों को आमंत्रित कर अभिभावक बैठकें आयोजित की गईं, जहाँ शिक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। विशेष रूप से बालिकाओं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और स्कूल से वंचित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया गया, ताकि कोई भी पीछे न छूटे।

उज्जैन की शिक्षा क्रांति और भविष्य की राह

इन सभी प्रयासों के परिणामस्वरूप, उज्जैन जिले के सभी विकासखंडों से सक्रिय सहभागिता प्राप्त हुई, जिससे विद्यालय स्तर पर नामांकन (कक्षा 1 से कक्षा 8 तक) में उल्लेखनीय प्रगति हुई। जिले को राज्य से जारी रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, जो उज्जैन की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस अभियान ने विद्यालयों और समुदाय के बीच संबंधों को भी मजबूत किया है, जिससे शिक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी बन गई है।

यह उपलब्धि उज्जैन जिले के लिए एक नई शुरुआत है, जो दर्शाता है कि सही दिशा और सामूहिक प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। यह सफलता न केवल हजारों बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करेगी, बल्कि उज्जैन को शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल जिले के रूप में स्थापित करेगी। उम्मीद है कि यह गति भविष्य में भी बनी रहेगी और उज्जैन हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा।

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