झाबुआ। कोरोना काल के अंतर्गत बच्चों महिलाओं एवं पुरुषों को एक अच्छा रोचक विषय देकर उनको कोरोना के निगेटिव प्रभावों और विचारों से मुक्त रखने के लिए गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड के पेंटिंग इवेंट के लिए डॉ. अर्चना राठौर से रेडआर्ट नामक एक प्रसिद्ध आर्ट संस्था सम्पर्क कर चुनिंदा गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड पेंन्टिग ईवेंट के अटैम्प्ट आईडी जारी गए।
इससे कई परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई और उनके दिमाग में जो लगातार कोरोना को लेकर नकारात्मक विचार उत्पन्न हो रहे थे कुछ समय के लिए इस वल्र्ड रिकॉर्ड में अपनी सहभागिता करने से उनका प्रफुल्लित हो उठा और उन सभी ने एक सकारात्मक सोच के साथ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के पेंटिंग इवेंट में सहभागिता की।
झाबुआ की समाज सेविका डॉ. अर्चना राठौर अधिवक्ता ने कोरोना काल के अंतर्गत सभी को एक सकारात्मक सोच देने के लिए कुछ कलात्मक गतिविधियां संचालित की। जिसमें उन्होंने व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चों महिलाओं, बेटियों एवं किशोरवय बेटों को पेंटिंग का प्रशिक्षण दिया। ऐसे समय में जब बाजार बंद होने से पेंटिंग के लिये ब्रश पेंटिंग कलर्स आदि लोंगो के पास घरों में उपलब्ध भी नहीं थे, तब उन्होंने उन्हें हल्दी और कंकू से पेंटिंग करना सिखाया जो सभी के घरों में उपलब्ध होता है। सभी ने वाट्सएप के माध्यम से बहुत ही सुंदर सुंदर पेंटिंग हल्दी और कंकू से बनाना सीखी।
कोरोना के नियमों का पालन करते हुऐ किसी किसी के घर पर पूरी सुरक्षा रखते हुए उन्होंने स्वयं जाकर भी पेंटिंग बनाना सिखाई। इन लोगों के द्वारा बनाई गई पेंटिंग को गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड के पेंटिंग इवेंट्स में 5 मई को अपलोड करवाया डॉ. अर्चना राठौर ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में झाबुआ, रतलाम, इंदौर, भोपाल, उज्जैन, नीमच, हैदराबाद, सागर, सतना, कल्याण-महाराष्ट्र, दिल्ली, ग्वालियर आदि स्थानों पर भी व्हाट्सएप से किसी किसी को पेंटिंग्स किस प्रकार से बनाना और कैसै अपलोड करना ये सिखाया। मध्यप्रदेश से लगभग 15 जिलों से पेंटिंग्स को गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड पेंटिंग्स ईवेंट में अपलोड करवाया।
इस गिनीज वर्ल़्ड रिकॉर्ड ईवेंट में स्वयं अर्चना राठौर एवं अशोक राठौर अधिवक्ता ने भीअपनी पेंटिंग्स अपलोड कीं। झाबुआ से संस्कार भारती अध्यक्ष प्रदीप जैन, सुहर्ष जैन, सुयश जैन, स्मृति भट्ट, प्रत्युष भट्ट, महिका भट्ट, चेतना चौहान, अनीता पंवार, चेतना पवार, ओपज्ञा परमार, प्रताप परमार, वचना परमार, रजनी जैन, नैनी हिहोर, शंकुतला पंवार, आशीष, विकास पांडे, शैफाली माहेश्वरी, तरुण माहेश्वरी, मंगला गरवाल आदि अनेक कलाकारों ने गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड में अपनी-अपनी पेंटिंग्स अपलोड कर रिकॉर्ड बनाने में अपनी सक्रिय सहभागिता प्रदान की।
120 देशों से 1200 प्रविष्टियां आई
रेडके डायरेक्टर मयंक व्यास ने बताया कि इस ईवेंट में 120 देशों से लगभग 1200 पेंटिंग्स अपलोड की गई जिसमें से गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड के नियमों के अनुसार लगभग 900 से 1000 के बीच में पेंटिंग्स अपलोड की जानी चाहिए थी। इस पेंटिंग इवेंट में लक्ष्य से अधिक ही पेंटिंग्स अपलोड की गई। अब शीघ्र ही गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड की घोषणा की जाएगी और जो प्रतिभागी को गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र लेना चाहेंगे उन्हें गिनीज वर्ल्ड बुक की ओर से प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
इस इवेंट में सबसे अधिक सहयोग सुषमा व्यास का रहा। उनके, मयंक व्यास तथा उनके स्टाफ के अथक परिश्रम की बदौलत आज हमारे झाबुआ जिले के आदिवासी अंचल में भी अनेक परिवारों के पास गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड जैसा अति महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र उनके परिवार की शोभा बढ़ाकर झाबुआ जिले को गौरवान्वित करेगा।