नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन लाने की योजना बना रहा है। SII के नोवावैक्स की वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल अगले महीने से शुरू हो सकता है। बताया जा रहा है कि जुलाई से बच्चों पर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो सकता है। नोवावैक्स एक अमेरिकी कंपनी है जिसने नोवावैक्स नाम की कोरोना वैक्सीन बनाई है. अब यह भारत में सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन बनाने जा रही है। नोवावैक्स ने अपनी इस वैक्सीन को कोवावैक्स का नाम दिया है जिसके सितंबर तक भारत में लॉन्च होने की उम्मीद है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस सप्ताह की शुरुआत में नोवावैक्स ने अमेरिका और मेक्सिकों की 11 साइटों में तीनों फेज के ट्रायल पूरे किए और नतीजों में पता चला कि टीका 90.4 प्रतिशत पभावी है। नोवावैक्स के ट्रायल की घोषणा करने के एक दिन बाद ही भारत में कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने SII से बिना किसी देरी के यह ट्रायल शुरू करने का आग्रह किया।
कोवावैक्स का ट्रायल दो कारणों की वजह से महत्वपूर्ण है:
दूसरा, नोवावैक्स वैक्सीन, कोरोनवायरस स्पाइक प्रोटीन से प्राप्त एंटीजन उत्पन्न करने के लिए एक आजमाई हुई और परीक्षण की गई है जो नैनोपार्टिकल तकनीक का उपयोग करता है। मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी), हेपेटाइटिस और इन्फ्लूएंजा के टीके विकसित करने के लिए इसी तरह की तकनीक का उपयोग किया गया है।
बता दें कि इससे पहले तीन और वैक्सीन बच्चों के टीके को लेकर ट्रायल कर रहे हैंदेश में सीरम इंस्टीट्यूट से पहले भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का बच्चों पर परीक्षण चल रहा है. भारत बायोटेक नेज़ल वैक्सीन का भी ट्रायल चल रहा है. साथ ही Zydus Cadilla भी बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल कर रही है और सीरम इंस्टीट्यूट नोवावैक्सीन के साथ टीके का ट्रायल शुरू करने जा रही है।