गाजियाबाद। गाजियाबाद की बेटी कामाक्षी शर्मा आज दुनियाभर में छा गई हैं। साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने और 50 हजार पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने वाली कामाक्षी का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। उन्होंने वर्ष 2019 में जम्मू से कन्याकुमारी तक एक माह अभियान चलाकर आईपीएस समेत कई पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया था।
कामाक्षी का नाम इससे पहले इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है। शहर की ओल्ड पंचवटी कॉलोनी निवासी कामाक्षी शर्मा ने गाजियाबाद में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। इसके बाद गढ़वाल विश्वविद्यालय से 2017 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया। वह साइबर क्राइम के विषय में एक्सपर्ट हैं। उन्होंने पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी की तलाश न करके साइबर ठगी से बचाने के लिए देशभर में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया।
खास बात यह है कि उन्होंने किसी संस्था से जुड़े बिना वर्ष 2019 में नौ सितंबर से अक्टूबर तक जम्मू से यात्रा आरंभ की। यात्रा जम्मू से पंजाब, चंडीगढ़ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र होते हुए 13 अक्तूबर को कन्याकुमारी में खत्म हुई। कामाक्षी ने 50 हजार पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध की जानकारी दी।
ट्रेनिंग देने के लिए विदेशों से भी बुलावा
कामाक्षी ने बताया कि उनका जन्म सामान्य परिवार में हुआ। पिताजी रघु शर्मा दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। मां ममता शर्मा गृहणी हैं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए विदेश से आमंत्रण आ रहे हैं। कुछ माह पहले श्रीलंका में ट्रेनिंग दी थी। इसके अलावा अन्य देशों से भी बुलावा आया है।
”वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने से खुशी हो रही है। बड़ी बाद यह है कि यूरोप के कई देशों में साइबर क्राइम पर ज्यादा काम हुआ, लेकिन साइबर क्राइम के खिलाफ सबसे पहले काम भारत में हुआ है। थोड़ी सी सावधानी बरतने पर लोग साइबर क्राइम से बच सकते हैं।” -कामाक्षी शर्मा, गाजियाबाद
सौजन्य livehindustan.com