महाकालेश्वर मंदिर में शाम 6 बजे तक बुकिंग से 3000, 250 रुपए टिकटधारी 3300 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर, मंगलनाथ और हरसिद्धि मंदिर 28 जून को खोले गए। सुबह से ही तीनों मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतार लगने लगी थीं। लेकिन बाहर से आए श्रद्धालुओं ने गजब का उत्साह दिखाते हुए बुकिंग में आए श्रद्धालुओं का रिकार्ड तोड़ दिया। शाम 6 बजे तक जहां आनलाइन बुकिंग से 3000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए वहीं 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट से 3300 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। लड्डू प्रसादी का यह हाल रहा कि दोपहर 1 बजे के बाद लड्डू प्रसादी काउंटरों से नदारद हो गई थी। जोकि शाम 4 बजे के बाद बहाल हो पाई।
वहीं महाकालेश्वर मंदिर में नियमित श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं देने पर विवाद की स्थिति भी पैदा हुई। पहले दिन उच्च शिक्षा मंत्री और सांसद भी भगवान महाकाल के दरबार में मत्था टेकने पहुंचे।
सोमवार 28 जून को सुबह 6 बजे से श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन करवाए जाना शुरु कर दिए गए। बड़ा गणपति मंदिर के सामने की पट्टी पर बनाए गए कियोस्क सेंटर पर आनलाइन बुकिंग करवा कर आए श्रद्धालुओं के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देखने के पश्चात उनको प्रवेश दिया जाता रहा।
इसी प्रकार से 250 रुपए शीघ्र दर्शन टिकट धारियों को भी सेंटर से टिकट दिया जाकर प्रवेश की अनुमति दी जाती रही। हालांकि बैरिकेट्स के बीच में चैकिंग पॉइंट रखा गया था जिसमें क्यूआर टीम और पुलिसकर्मी किओस्क सेंटर द्वारा दी गई अनुमति पर्ची को देखकर श्रद्धालुओं को प्रवेश देते रहे। लेकिन यहां पर पर्ची चैकिंग के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित हो गई थी, जिसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाया।
इसके बाद 4 नंबर गेट पर अनुमति पर्ची पुन: देखकर प्रवेश दिया जाता रहा। श्रद्धालुओं को पांच नंबर गेट से होते हुए 6 नंबर गेट पर और फिर यहां से कार्तिकेय मंडपम होते हुए भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाते रहे।
शीघ्र दर्शन टिकट से 8 लाख से अधिक आय
काफी दिनो के बाद भगवान महाकाल के दर्शन को आतुर राजस्थान, उप्र और महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में बाहर के श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे। उन्होंने 250 रुपए का शीघ्र दर्शन टिकट खरीदा और भगवान महाकाल के दर्शन किए। शाम 6 बजे तक महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा छह स्लाटों में ऑनलाइन बुकिंग वाले 3000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।
जबकि इतने ही समय में 250 रुपये सशुल्क दर्शन करने वालों की संख्या 3300 हो गई। जिनसे मंदिर समिति को 8 लाख 25 हजार रुपए की आय हुई। मंदिर समिति द्वारा दो टिकिट काउंटर शुरू किये गये हैं। दर्शन शुरू होने के तीन घंटे में ही 31 कट्टे खाली हो चुके थे जिनमें 1500 से अधिक रसीदें काटी गई।
लड्डू प्रसाद 2 लाख रुपए के बिके
पहले ही दिन श्रद्धालुओं ने बड़ी मात्रा में लड्डू प्रसादी की खरीदी की जिसके चलते तीनों काउंटरों पर लड्डू प्रसादी सुबह 10 बजे के लगभग समाप्त हो गई थी, लेकिन इसके बाद पुन: स्टाक मंगा कर लड्डू प्रसादी की आपूर्ति पूरी की गई। लेकिन दोपहर 1 बजे के बाद लड्डू प्रसादी का स्टाक नहीं आ पाया। जिसके चलते काउंटरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही।
जानकारी लगी है कि मंदिर प्रशासन ने एक काउंटर के हिसाब से लड्डू प्रसादी बनाने को कहा था लेकिन तीन काउंटर खोल दिए गए थे, जिसके चलते प्रसाद की आपूर्ति नहीं हो पाई थी। शाम 4 बजे के बाद स्टाक आया तब कहीं जाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद नसीब हो पाया। शाम 6 बजे तक 1 लाख 98 हजार रुपए की लड्डू प्रसादी श्रद्धालुओं ने खरीदी।
मंत्री आम श्रद्धालुओं की कतार में, सांसद ने बाबा के सामने फैलाई झोली
सुबह उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव अपने परिवार सहित आम श्रद्धालुओं की कतार में लगे और दर्शन किए। उन्होंने लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने का अनुरोध भी किया तो मंदिर के बाहर चौराहे पर सांसद अनिल फिरोजिया ने लोगों को मास्क वितरित किये। सांसद फिरोजिया ने चर्चा में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशवासियों से बार बार आव्हान किया जा रहा है कि कोरोना से लडऩे के लिये मास्क अनिवार्य है, प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मास्क लगाने की लोगों से अपील कर रहे हैं। जो लोग मास्क लगाकर मंदिर नहीं आये उन्हें मास्क वितरित कर जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। मास्क बांटने के बाद सांसद ने भगवान महाकाल के दर्शन कतार में लगकर किए। अंदर झोली फैलाकर बाबा महाकाल से कोरोना से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।
मंगलनाथ मंदिर में 2000 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, 38 भातपूजा भी
मंगलनाथ मंदिर में भात पूजा कराने आने वाले श्रद्धालुओं का तांता सुबह से लगना शुरू हो गया था। सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक 38 भातपूजा संपन्न हुईं। मंदिर प्रशासक नरेन्द्रसिंह राठौर ने बताया कि रात्रि तक 2000 लोगों ने भगवान महा मंगल के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। इसी तरह हरसिद्धि मंदिर में भी श्रद्धालु मां हरसिद्धि के दर्शन को पहुंचे। यहां पर गर्भगृह के बाहर से लोगों को कोरोना गाइड लाइन का पालन करवाते हुए दर्शन करवाए गए।