आम श्रद्धालुओं को भी जल पात्र के जरिए करना होगा अभिषेक
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन ने आगामी श्रावण मास को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए अलग से दर्शन योजना तैयार की जा रही है। इस बार भी कावड़ यात्री भगवान महाकाल का जल अभिषेक गर्भगृह से नहीं कर पाएंगे। जल पात्र भी श्रावण मास शुरू होने से पहले लगाया जाएगा।
पंचांग की गणना के अनुसार 25 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो जाएगा। देश भर से श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को उमड़ेंगे। ऐसे में भगवान की दिनचर्या में भी बदलाव होगा और भगवान महाकाल अपने भक्तों के लिए 2 घंटा पूर्व रात्रि 2.30 बजे जागेंगे। भस्म आरती के बाद भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। दिनचर्या बदलने के पीछे अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाने की मंशा है। लेकिन कोरोना के चलते श्रद्धालुओं की संख्या सीमित ही रखी जाएगी।
कावडिय़े नहीं कर पाएंगे जलाभिषेक
श्रावण मास में श्रद्धालुओं को अग्रिम बुकिंग के आधार पर महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इस दौरान आने वाले कावड़ यात्रियों के लिए सभा मंडप में जल पात्र लगाकर जलाभिषेक करने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही आम श्रद्धालु भी इसी जल पात्र में जल डालकर भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर सकेंगे। श्रावण मास शुरू होने से पूर्व सभा मंडप में जल पात्र लगा दिया जाएगा।
श्रद्धालुओं का जल अभिषेक 1 साल से बंद
कोरोना संक्रमण के चलते विगत वर्ष के श्रावण मास में मंदिर प्रशासन द्वारा जल पात्र से श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन इसके बाद जल पात्र को हटा लिया गया था। तब से लेकर आज दिनांक तक श्रद्धालु भगवान महाकाल का जलाभिषेक नहीं कर पाए हैं। हालांकि परंपरागत रूप से मंदिर के पुजारी और पुरोहित भगवान महाकाल का जलाभिषेक प्रतिदिन करते हैं।