मददगार संस्था के लिए किए सर्वे में सामने आए आकड़े, अन्य की मौत का हिसाब नहीं
उज्जैन, (ललित जैन) अग्निपथ। प्रशासन अब तक कोरोना से कुल 171 लोगों की जान जाने का दावा कर रहा है। वहीं महिला बाल विकास विभाग के सर्वे में सिर्फ 1311 तो अभिभावक की ही मौत हुई है। शनिवार को यह बात उस समय उजागर हुई जब एक समाजसेवी संस्था के लिए किए सर्वे को विभाग ने सार्वजनिक किया।
कोविड -19 की शुरुआत से ही सीएमएचओ कार्यालय बुलेटिन जारी कर रहा है।
9 जुलाई को जारी बुलेटिन में मार्च 2020 से अब तक कोरोना से कुल 171 लोगों की मौत हुई है। दूसरी ओर महिला बाल विकास विभाग ने ऐसे परिवारों का सर्वे किया जिनके अभिभावक या मुखिया की मौत हो चूकी है। पता लगा कि जिले में अब तक कोरोना से 1311 तो अभिभावक ही जान गवा चुके हैं। वहीं अन्य लोगों का आकड़ा वह जुटा रहे हैं। संख्या की पुष्टि होने के बाद महिला बाल विकास ने शनिवार का यह बात मीडिया को बताई। इसके बाद प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे आकड़े पर सवाल उठना वाजिब है।
समाज सेवी संस्था के लिए सर्वे
महिला बाल विकास से माय हार्ट संस्था ने ऐसे परिवारों का रिकार्ड मांगा, जिनके अभिभावक या मुखिया की मौत होने पर रोजगार उपलब्ध कराकर मदद कर सकें। नतीजतन विभाग ने सर्वे किया तो मृतकों के सही आंकड़े सामने आ गए। इस पर संस्था के अश्विन ने शनिवार को अपने बच्चे के जन्मदिन के अवसर पर दो परिवारों को सब्जी सहित ठेले मुहैया कराए।
कांग्रेस के सर्वे में और बड़ा रिकार्ड
सर्वविदित है कोरोना से मौत के आकड़े छिपाने को लेकर प्रशासन पर शुरू से आरोप लगते आ रहे हैं। कांग्रेस ने इसके चलते पूरे जिले में सर्वे भी शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार शहर के 20 वार्ड में सर्वे हो चुका है। अगर सर्वेयर की रिपोर्ट सहीं माने तो अब तक के सर्वे में ही 500 से ज्यादा संख्या सामने आ चुकी है। बताया जाता है वार्ड 32 में 22 और 39 में ही 40 लोगों की मौत हुई थी।
सरकार की सुविधा नाकाफी
याद रहे सरकार ने ऐसे बच्चों की मदद की घोषणा कर रखी है जिनके सिंगल पैरेंट्स मुखिया की कोरोना से मौत हो गई है। महिला बाल विकास के अनुसार ऐसे बच्चों के खातों में दो हजार रुपए शिक्षा के लिए जमा कर रहे हैं, लेकिन जिन्हें सुविधा नहीं मिल रही उन्हें माय हार्ट संस्था मदद कर रही है।
इनका कहना
अब तक 1311 अभिभावकों की मौत के आकड़ों की पुष्टि हुई है। यह आंकड़ा केवल अभिभावकों का है। अन्य के आकड़े जुटाए जा रहे हैं। -साबिर अहमद सिद्दिकी, असिटेंट डायरेक्टर महिला बाल विकास विभाग