उज्जैन। कोरोना काल 2020 के दौरान बाहरी यात्रियों को उनके शहर भेजा गया था। जिसके लिए बसों का उपयोग किया गया। इन संचालकों की बसों में डीजल प्रशासन द्वारा भरवाया गया था। इसके बाद भी बस संचालकों को बकाया भुगतान करते समय, एडवांस डीजल की राशि नहीं काटी गई। इसका खुलासा होने के बाद कलेक्टर ने जांच बैठा दी थी। नतीजा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने नोटिस जारी कर दिये है। जिसमें साफ फरमान है कि … राशि जमा कराओ: चालान रसीद लेकर आओ!
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संतोष मालवीय को 25 जून के दिन कलेक्टर कार्यालय से एक पत्र मिला था। जिसमें कलेक्टर आशीषसिंह ने निर्देशित किया था कि … डीजल कांड की जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करे। यह पत्र 23 जून को लिखा गया था। 25 जून को पत्र मिलते ही आरटीओ ने 13 बस मालिकों को नोटिस जारी कर दिये थे। जिसमें राशि जमा कराने के निर्देश थे।
90 हजार की वसूली …
आरटी श्री मालवीय के अनुसार 13 बस मालिकों से करीब 90 हजार की वसूली होना है। इन बस संचालकों ने डीजल भी सरकारी भरवा लिया और बिल लगाकर पुन: डीजल की राशि वसूल कर ली थी। जिसमें से अजय यादव की 2 बसे, अशोक ट्रेवल्स 1 बस, आनंदेश्वरी की 2 बसे, जय बाबा बाल हनुमान की 5 बसे, कालरा ट्रेवल्स की 2 और के यादव की 1 बस शामिल है।
इन सभी की बसों में प्रशासन ने डीजल भरकर रवाना किया था। मगर इसके बाद भी बिल प्रस्तुत करते समय राशि नहीं हटाई गई और भुगतान प्राप्त कर लिया गया। आरटीओ ने साफ लफ्जों में कहा कि इन सभी से करीब 90 हजार की वसूली होनी है।
4 बजे बंद …
कलेक्टर आशीषसिंह के निर्देश है कि सभी बैंकों में लेन-देन का समय 10:30 से 4:30 तक रहेंगा। जबकि शाखा 5:30 तक खुली रहेंगी। मगर बैंक ऑफ महाराष्ट्र में दोपहर 4 बजे ही ताला लगा दिया जाता है। जिसकी शिकायत आज बैंक ग्राहक द्वारा फोटो भेजकर अग्निपथ को दर्ज कराई गई। ग्राहक का कहना है कि जब लेन-देन का समय ही साढ़े 4 तक है तो 4 बजे से ही बैंक का मुख्य शटर क्यों बंद कर दिया जाता है।
इसलिये खुला
विदित रहे कि साप्ताहिक कालम चुप रहेंगे (14 जून ) को हमने कांड शीर्षक से इस डीजल कांड को लेकर इशारा किया था। इस इशारे को कलेक्टर ने तत्काल समझा और मामले की जांच करवा दी। आखिरकार जांच में साबित हो गया कि 90 हजार का घोटाला हुआ है। यहां यह लिखना जरूरी है कि 2020 में ही 72 लाख का परिवहन दलाली कांड सामने आया था। तब कलेक्टर श्री सिंह ने बैंक से राशि निकासी पर रोक लगा दी थी। लेकिन धीरे-धीरे मामला शांत होते ही यह 72 लाख की राशि निकाल ली गई थी।