गंभीर बांध के अलावा गऊघाट, साहेबखेड़ी से पानी लेकर करेंगे सप्लाय
उज्जैन, अग्निपथ। बारिश के सीजन में भी शहर में दो दिन छोडक़र पानी देने का फैसला बदल दिया गया है। गंभीर बांध में पर्याप्त पानी नहीं होने के बावजूद सोमवार से शहर में दो दिन के बजाए एक दिन छोडक़र जलप्रदाय करने का फैसला कर लिया गया है। सोमवार के बाद शहर में अगला सप्लाय बुधवार को होगा।
शनिवार को नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने पीएचई के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह फैसला किया। गंभीर बांध की कैपेसिटी 2250 एमसीएफटी है लेकिन बांध में अब तक 300 एमसीएफटी पानी भी नहीं भर सका है। पीएचई फिलहाल शहर में दो दिन छोडक़र तीसरे दिन पानी सप्लाय कर रही थी। पिछले एक सप्ताह तो पुराने शहर में जलप्रदाय की व्यवथा लगभग खत्म ही हो गई थी। एक के बाद एक लीकेज के कारण शहर को 6 दिन बाद पानी मिल सका था। पानी सप्लाय की व्यवस्था में बदलाव के लिए नगर निगम आयुक्त पर लगातार राजनैतिक दबाव भी था। यहीं वजह है कि शनिवार की आयुक्त की बैठक के बाद अब सोमवार से दो दिन के बजाए एक दिन छोडक़र जलप्रदाय करने का फैसला किया गया। शहर में सप्लाय के लिए गंभीर के अलावा गऊघाट स्टापडेम और साहेबखेड़ी तालाब से भी पानी लिया जाएगा।
फैसला हो गया, पानी कितना पता नहीं?
पीएचई के अधिकारियों के साथ नगर निगम आयुक्त की बैठक में पानी सप्लाय के दिनों में अंतर कम पर करने पर तो बात हुई लेकिन आज की स्थिति में शहर के पास पानी कितना मौजूद है, इस पर कोई बात ही नहीं हुई। शहर में सप्लाय के लिए साहेबखेड़ी से भी पानी लेने का फैसला हुआ लेकिन पीएचई के कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री कोई भी शनिवार रात तक यह बताने की स्थिति में नहीं थे कि साहेबखेड़ी में पानी है कितना?
उम्मीद पर कायम दुनिया
- शहर में दो दिन के बजाए एक दिन छोडक़र पानी देने का फैसला केवल अच्छी बारिश की उम्मीद पर लिया गया है।
- ताजा हालात में गंभीर बांध में 285 एमसीएफटी पानी संग्रहित है। नगर निगम अधिकारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में डेम में पानी बढऩे लगेगा।
- शिप्रा नदी में त्रिवेणी और गऊघाट दोनों बैराज की कुल क्षमता 78 एमसीएफटी है। दोनों बैराज अभी ओवर फ्लो है।
- शिप्रा नदी में बहाव होने की स्थिति में तीन फ्लोटिंग पंप निकाल लिए गए है, यहां 6 एमजीडी क्षमता का एक ही पंप चालू है। बहाव होने तक इन्हें दोबारा डाला भी नहीं जा सकता।
- साहेबखेड़ी में कितना पानी भरा है, खुद पीएचई अधिकारियों को नहीं मालूम, ऐसी स्थिति में शहर में सप्लाय का अधिकांश भार गंभीर बांध पर ही आएगा।
इनका कहना
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एक दिन छोडक़र पानी देने का फैसला अंतिम निर्णय नहीं है। कुछ दिन बाद स्थितियों की फिर से समीक्षा करेंगे। तब हालात यदि कमजोर हुए तो कोई नया निर्णय लेना पड़ सकता है। – आर.के. खंडेलवाल, ईई पीएचई