कोरोना का खौफ दिखा रहा प्रशासन: इधर कहार, पुजारी, पुलिस कर्मी के मुंह से मास्क नदारद

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Mahakal sawari Ujjain

राजाधिराज महाकाल निकले नगर भ्रमण पर

  • बारिश में तीन बार कतार हरिफाटक पुल तक पहुंची
  • बुजुर्गों और दिव्यांगों के दर्शन की व्यवस्था भी नहीं की

उज्जैन, अग्निपथ। कालों के काल भगवान महाकाल की श्रावण की तीसरी सवारी बड़े ही धूमधाम के साथ नगर भ्रमण पर निकली। इसके पूर्व श्रद्धालुओं को फ्री फॉर ऑल व्यवस्था के तहत भगवान महाकाल के दर्शन कराए गए। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारधाम प्रवेश द्वार पर एकत्रित हो गई थी। भीड़ इतनी अधिक थी कि तीन से चार बार हरिफाटक पुल तक पहुंच गई थी।

इधर कोरोना का खौफ दिखाकर आमजन को भगवान महाकाल की सवारी के दर्शन से वंचित करने वाले जिला प्रशासन के अधिकारियों की आंखों के सामने सवारी में शामिल होने वाले कहार, पुजारी और पुलिस कर्मी अपने मुंह पर मास्क तक नहीं लगाए थे। सोमवार को बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए तो व्हील चेयर की व्यवस्था भी नहीं की।

सावन के तीसरे सोमवार को भगवान महाकाल के दर्शन को सुबह से ही भक्तों की कतार चार धाम प्रवेश द्वार पर लग गई थी। भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा फ्री फॉर ऑल व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए प्रवेश दिया जाता रहा। दोपहर 1 बजे श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश देना बंद कर दिया गया। जब तक 30 हजार के लगभग श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे।

भस्म आरती में भगवान महाकाल का अलौकिक श्रृंगार किया गया था। नंदीहाल को भी आकर्षक फूलों से सजाया गया था। सुबह 3 बजे से ही भक्तों की लाइन दर्शन के लिए लग गई थी। सुबह 5 बजे से भक्तों को दर्शन का सिलसिला शुरू करवाया गया। भस्म आरती में भगवान को विशेष बिल्वपत्र की आकर्षक माला से शृंगारित किया गया था।

बारिश का नहीं दिखा असर

सुबह से ही इंद्रदेव तेज बारिश कर अपनी उपस्थिति प्रकट करते रहे । लेकिन भगवान महाकाल के भक्त भी उनके दर्शन के बिना यहां से जाने को तैयार नहीं थे। लिहाजा हरि फाटक पुल के पास से लगे हुए श्रद्धालु भारी बारिश में भीगते हुए भगवान महाकाल के दर्शन को जाते रहे।

उनके ऊपर बारिश का कोई असर भगवान महाकाल के सामने दिखाई नहीं दिया। श्रद्धालुओं की आस्था इतनी अधिक थी कि चार धाम मंदिर के सामने वाली रोड पूरी तरह से श्रद्धालुओं से भरी हुई थी। दोपहर 1 बजे तक इसी तरह का क्रम चलता रहा। पश्चात मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया।

पालकी के आसपास के लोगों ने नहीं पहने मास्क

सभा मंडप में शाम 4 बजे कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा पालकी का पूजन अर्चन किया गया। इस दौरान एसपी सतेंद्र कुमार शुक्ल भी मौजूद रहे। पालकी को कंधा देने के बाद सवारी शहनाई गेट पर पहुंची। यहां पर गार्ड ऑफ ऑनर देने के पश्चात सवारी निर्धारित मार्ग से होते हुए बड़ा गणेश मंदिर पहुंची।

यहां से सवारी होते हुए रामघाट आई। यहां पर पुजारी आशीष गुरु द्वारा मां शिप्रा के जल से भगवान महाकाल के पैर पखारने के बाद वापस होते हुए हरसिद्धि के पाल पहुंची। यहां से हरसिद्धि मंदिर पहुंचने पर सवारी का भव्य स्वागत रंग बिरंगी आतिशबाजी और रंग-बिरंगे धुएं के साथ किया गया। पश्चात सवारी बड़ा गणपति से होते हुए महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।

हरसिद्धि चौराहा तक रंग-बिरंगे कपड़ों का प्रवेश द्वार

सवारी बड़ा गणेश मंदिर से होते हुए हरसिद्धि चौराहा तक जा रहे थी। इस दौरान दोनों और आकर्षक कपड़ों से रोड को सजाया गया था जो कि काफी आकर्षक प्रतीत हो रहा थी। नीचे लाल रंग की कारपेट बिछाई गई थी। भगवान महाकाल की अगवानी के लिए हरसिद्धि मंदिर पर पुजारियों द्वारा भगवान महाकाल का भव्य रुप से स्वागत सत्कार किया गया।

ऐसे रोकेंगे कोरोना

सवारी में बगैर मास्क के शामिल हुए कई लोग।

जिला प्रशासन जहां एक और कोरोना का खौफ बताते हुए श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल से दूर किए हुए हैं और उनको ऑनलाइन दर्शन करवाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पालकी को ले जाने वाले अधिकांश लोग अपने मुंह पर मास्क तक नहीं लगाए हुए थे। पालकी को संभालने वाले कई कहारों के मुंह पर मास्क तक नहीं था। वहीं पालकी के साथ चल रहा एक पुजारी के मुंह पर भी मास्क नजर नहीं आया। कुछ पुलिस कर्मी अपने मुंह पर मास्क तो लगाए हुए थे, लेकिन वह मुंंह से नीचे की ओर खिसका हुआ था। ऐसे में कोरोना संक्रमण का भय दिखाने वाले जिला प्रशासन के अधिकारियों की नजर ऐसे लोगों पर क्यों नहीं पड़ी आश्चर्य का विषय है। पूरे शहर को कोरोना का भय दिखाकर जहां आनलाइन दर्शन करवाए जा रहे हैं और उनका प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं इस तरह की लापरवाही उसको भारी न पड़ जाए।

साधनासिंह, विधानसभा अध्यक्ष पहुंचे दर्शन को

भगवान महाकाल के दर्शन के दौरान पूजन संकल्प करते विधानसभा अध्यक्ष।

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम सुबह के वक्त भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे। आम दर्शनार्थियों की रैलिंग से उनको भगवान महाकाल के दर्शन कराए गए। इस दौरान सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल और पूर्णिमा सिंघी ने उनका सम्मान भगवान महाकाल का स्मृति चिन्ह देकर किया। इसी तरह इस बार मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी साधना सिंह अपना तय शेड्यूल से लेट हो कर दोपहर 2 बजे के लगभग भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंची। नंदीहाल में पुजारी प्रदीप गुरु द्वारा उनका पूजन अर्चन संपन्न कराया गया। इस बार भाजपा नेत्री उमा भारती भगवान महाकाल के दर्शन को नहीं आईं।

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