उज्जैन, अग्निपथ। लोकायुक्त की टीम ने कृषि उपज मंडी में ठेला चालनेे वाले हम्माल की शिकायत पर सोमवार को रिश्वत लेते मंडी निरीक्षक को पकड़ा है। निरीक्षक ने साथी मंडी निरीक्षक के कहने पर रिश्वत की राशि लेकर अपनी शर्ट की जेब में रख ली थी। लोकायुक्त ने मामले में दोनों निरीक्षकों को आरोपी बनाया है।

लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा ने बताया कि 6 अगस्त को कृषि उपज मंडी में ठेला चलाकर हम्माली करने वाले भागीरथ पिता आनंदीलाल खांडेकर निवासी शिवशक्ति नगर ने एसपी शैलेन्द्रसिंह को शिकायत दर्ज कराई थी कि मंडी निरीक्षक सत्यनारायण बजाज उसका झूठे आरोप में जब्त ठेला छोडऩे के एवज में 8 हजार की रिश्वत मांग रहा है।
वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर मामले की जांच शुरू कर रिश्वत मांगने की पुष्टि की गई। सोमवार दोपहर को वह अपनी टीम के चार कांस्टेबल और कलेक्टर द्वारा नियुक्त किये गये दो विज्ञप्त पंच के साथ मंडी पहुंचे और आवेदक भगीरथ को रिश्वत की राशि 2 हजार की पहली किश्त देकर कार्यालय में भेजा गया।
मंडी निरीक्षक बजाज नहीं आया था। आवेदक ने उससे मोबाइल पर चर्चा की तो उसने कहा कि कार्यालय में साथी निरीक्षक राकेश रायकवार मिलेंगे। उन्हें पैसे दे दो। आवेदक ने राकेश से संपर्क किया और बजाज से चर्चा कराकर अपना ठेला छोडऩे की बात कही। राकेश ने रिश्वत की राशि लेकर शर्ट की जेब में रख ली।
तभी आवेदक का इशारा मिला और टीम ने कार्यालय में पहुंचकर राकेश को रंगेहाथ पकडक़र जेब से राशि बरामद कर ली। डीएसपी शर्मा के अनुसार रिश्वत मांगने पर मुख्य आरोपी सत्यनारायण बजाज निवासी महिदपुर को बनाया गया है, वहीं राकेश को रिश्वत की राशि लेने में सहयोगी के तौर पर आरोपी बनाकर भ्रष्टाचार अधिनियम की कार्रवाई की गई है।
2 युवकों ने किया ठेला उपयोग
भागीरथ ठेला चलाकर परिवार को पालन पोषण करता है। 17 जुलाई को मंडी में उसने ठेला खड़ा किया था। दो युवकों ने चोरी की फसल को एक फर्म पर पहुंचाने के लिये उसके ठेला का उपयोग किया। जिसका आरोप मंडी निरीक्षक ने भागीरथ पर लगाते हुए ठेला जब्त कर लिया था। उसने ठेला जब्ती की रसीद तक नहीं दी थी।
मंडी प्रशासन को लिखेंगे पत्र
डीएसपी शर्मा ने बताया कि 2 निरीक्षकों के रिश्वत में लिप्त होने पर मंडी प्रशासन को कार्रवाई के लिये पत्र लिखा जाएगा। वहीं लोकायुक्त की ओर से दोनों के खिलाफ विशेष न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जाएगा।
तीन किश्तों में देना थे 5 हजार
डीएसपी के अनुसार आवेदक से 8 हजार की रिश्वत मांगी गई थी, जिसका सौदा 5 हजार में तय हुआ था। आवेदक गरीब था, जिसके चलते तीन किश्तों में रिश्वत की राशि देने की बात मंडी निरीक्षक बजाज ने कही थी। पहली किश्त 2 हजार की देने के लिये आवेदक मंडी पहुंचा था, लेकिन बारिश होने पर बजाज नहीं आ पाया था। उसने ठेला जब्त कर अपने कार्यालय के सामने ही रखा था और 20 दिनों से लगातार पैसों की मांग कर रहा था।