इंदौर के बाद उज्जैन बनेगा बड़ा औद्योगिक केंद्र

इंदौर रोड पर कराडिय़ा, नवाखेड़ा में बनेगा फूड क्लस्टर, नीमनवासा में प्लास्टिक और इंजीनियरिंग क्ल्स्टर के लिए जगह देखी

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन को औद्योगिक रूप से सक्षम बनाने और इंदौर के बाद उज्जैन में उद्योगों के विकास के लिए सरगर्मी तेज हो गई है। इस संबंध में बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों, कलेक्टर व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। मंत्री यादव और कलेक्टर आशीष सिंह ने साफ कर दिया कि कोर्ट केस के अलावा जिन लोगों ने औद्योगिक जमीन पर कब्जा कर रखा है, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

फूड क्लस्टर को इंदौर रोड के नजदीक कराडिय़ा नवाखेड़ा में स्थापित किया जा सकता है। यहां से ट्रांसपोर्टेशन आसान होगा। प्लास्टिक और इंजीनियरिंग क्लस्टर के नीमनवासा में छह हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। नीमनवासा में पीलिया खाल पर पुल निर्माण किया जाएगा, ताकि वहां लगने वाले क्लस्टर के संचालन में किसी प्रकार की असुविधा न हो। सुरासा की 12 हेक्टेयर और ब्रजराजखेड़ी में 20 हेक्टेयर जमीन पर टेक्सटाईल क्लस्टर्स लगाये जा सकते हैं।

रेडिमेड गारमेंट के लिए अलग से जमीन तलाशी जाएगी। टेक्सटाइल में परम्परागत आधुनिक और हैंडलूम अलग-अलग वर्ग बनाए जाएंगे। लेकोड़ा में भी इंजीनियरिंग के लिए जमीन को चिन्हित किया गया है। मंत्री डॉ. यादव ने टाइल्स, ईंट और मिट्टी के बर्तन के क्लस्टर्स के लिए भी जमीन तलाशने के लिए कहा।

कलेक्टर आशीष सिंह ने फूड क्लस्टर में मेगा के साथ छोटे प्रोजेक्ट्स को भी शामिल किया जाएगा। फूड क्लस्टर के लिए विभाग के पास लगभग 100 और दोना-पत्तल के लिए 50 आवेदन आए हैं। मेगा फूड पार्क के लिए अधिक जमीन की आवश्यकता होगी।

उद्योगपतियों ने कहा निगम द्वारा क्लस्टर्स एप डेवलप किए जाएं, ताकि उसमें सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। बुधवार को बृहस्पति भवन में आयोजित बैठक में अनिल फिरोजिया, उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन, उद्योगपति राजेश सिंह कुशवाह, आनन्द बांगड़, अतीत अग्रवाल सहित अन्य उद्योगपति मौजूद थे।

जो उद्योगपति एक उद्योग भी लगाना चाहें, उन्हें पूरा सहयोग देंगे

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां भी उद्योग लगाए जाएंगे, वहां सडक़ें, बिजली और ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था करके दी जाएगी। जो उद्योगपति एकमात्र उद्योग भी लगाना चाहते हैं, उन्हें भी सहयोग दिया जाएगा। इसके अलावा सामान्य छोटे-छोटे क्लस्टर्स भी बनाए जाएंगे। जो भी इनमें निवेश करना चाहते हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि क्लस्टर्स में जिन उद्योगपतियों को जोडऩा है, उनकी सूची फाइनल की जाए।

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