नेशनल हाईवे पर वायुसेना का शक्ति प्रदर्शन, पहली बार सुखोई की लैंडिंग

नई दिल्ली। राजस्थान के जालोर में बने राष्ट्रीय राजमार्ग पर इमरजेंसी फील्ड लैंडिंग का आज उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत शामिल हुए। पहली बार किसी सुखोई एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान को राष्ट्रीय राजमार्ग पर उतरा गया है।

 

राजस्थान में पाकिस्तान सीमा से 40 किलोमीटर पहले राष्ट्रीय राजमार्ग 225 पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय सडक परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी एवं सेनाध्यक्ष ने आज हरक्युलिस विमान से उतरकर नया इतिहास बनाया है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निमार्ण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने किया है। इसके तहत बाकासर गांव के समीप 39.95 करोड़ रूपए की लागत से एयर स्ट्राइक बनाई गई है। सीमा के नजदीक एयरपोर्ट नहीं होने से एयर स्ट्राइक का निमार्ण किया है जो युद्ध के समय काम आ सकता है। यहां आज सुखोई और जगुआर विमानों ने भी टच डाऊन किया। एक सुखोई विमान को हवाई पट्टी पर पार्क भी किया गया।

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सेना की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने के लिए देश में कई स्थानों पर इस प्रकार की इमर्जेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण किया जा रहा है। इससे प्राकृतिक आपदा की घड़ी में जनता को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।”उन्होंने आगे कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से कुछ ही कदम दूर इस प्रकार की इमर्जेंसी लैंडिंग फील्ड का तैयार होना सिद्ध करता है कि भारत अपनी एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए सदैव तैयार है। भारत के अंदर किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मौके पर सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘हमलोग प्रतिदिन 2 किलोमीटर सड़क बनाने तक आए थे। कोरोना के बावजूद भी हमने प्रतिदिन 38 किलोमीटर सड़क बनाया है जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है। मुंबई और दिल्ली के बीच हमलोग एक्सप्रेस हाईवे बना रहे हैं जिसका 60-65% काम पूरा हुआ है।’

इस परियोजना में आपातकालीन लैंडिंग पट्टी के अलावा कुंदनपुरा, सिंघानिया और बाखासर गांवों में वायु सेना/भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुसार तीन हेलीपैड (प्रत्येक का आकार 100 x 30 मीटर) का निर्माण किया गया है, जो पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सेना और सुरक्षा नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण का आधार होगा। ईएलएफ का निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है। इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह सम्पन्न हो गया। आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में ‘जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने इसका निर्माण किया है।

भारतमाला प्रोजेक्ट का है हिस्सा
यह पट्टी भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित टू-लेन पेव्ड शोल्डर का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है। पेव्ड शोल्डर उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं।

 

इससे पहले एक्सप्रेसवे पर हुई थी मॉक लैंडिग
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के वास्ते एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड के तीन किलोमीटर के हिस्से पर इस आपातकालीन पट्टी का निर्माण किया है। इससे पहले अक्टूबर 2017 में, भारतीय वायुसेना के लड़ाकू एवं परिवहन विमानों ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मॉक लैंडिंग की थी ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐसे राजमार्गों का उपयोग वायुसेना के विमानों द्वारा आपात स्थिति में उतरने के लिए किया जा सकता है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, जोकि एक राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है, उत्तर प्रदेश सरकार के तहत आता है।

Next Post

क्रूरता की हद पार! कर्नाटक में 100 से ज्यादा कुत्तों को जहर देकर दफनाया

Thu Sep 9 , 2021
नई दिल्ली। कर्नाटक के शिवामोगा में 100 से ज्यादा कुत्तों को जहर देकर मारने के बाद दफनाने की घटना सामने आई है। शिवमोगा जिले में 100 से ज्यादा कुत्तों को पहले जहर दिया गया, फिर उनके मरजाने के बाद दफना दिया गया। पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए […]