आगजनी में गई थी चार मरीजों की जान,पांच माह बाद डीपीओ के अभिमत पर फैसला
उज्जैन,अग्निपथ। पाटीदार हॉस्पीटल आगजनी में हुई मरीजों की मौत के मामले में पांच माह बाद नया मोड़ आ गया। प्रकरण में डीपीओ (जिला लोक अभियोजक अधिकारी) के अभिमत के बाद माधवनगर पुलिस ने धारा बढ़ा दी है। धाराएं तब्दील होने से अब संचालकों पर गिरफ्तारी तय हो गई है।
गौरतलब है घासमंडी ब्रिज के पास स्थित पाटीदार हॉस्पीटल एंड रिसर्च सेंटर में 4 अप्रैल को आग लग गई थी। घटना में आईसोलेशन वार्ड में भर्ती सावित्रीबाई, कन्हैयालाल चौरसिया, सेवानिवृत प्रिंसीपल नीलबेन पटेल व गाजीबाई चपेट में आ गए थे। चारों की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने हॉस्पीटल संचालक डॉॅ. महेंद्र पाटीदार, उमाशकंर पाटीदार, चंदन पाटीदार, राधेश्याम पाटीदार व ज्योति पाटीदार के विरुद्ध आगजनी के अतिरिक्त लापरवाही से मौत होने पर धारा 304 ए के तहत केस दर्ज किया था। मौत के प्रकरण में धारा बढ़ाने के लिए टीआई मनीष लोधा ने डीपीओ के पास डायरी भेजी थी, जिनसे अभिमत मिलने पर गुरुवार को प्रकरण 304 में तब्दील कर दिया। गैर जमानती धारा लगने पर अब पांचों को गिरफ्तार किया जाएगा। याद रहे आगजनी के दौरान हॉस्पीटल में करीब 100 मरीज भर्ती थे। मामले में दैनिक अग्निपथ ने धारा बढऩे की संभावना व्यक्त की थी।
कलेक्टर के आदेश पर हुआ केस दर्ज
याद रहे आगजनी कांड के बाद कलेक्टर आशीषसिंह ने एसडीएम गोविंद दुबे, सीएसपी हेमलता अग्रवाल, फायर अधिकारी अजयसिंह राजपूत सहित चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी। दल से 24 घंटे में रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट पर लापरवाही का और मृतक सावित्रीबाई के पुत्र की शिकायत पर केस दर्ज किया था। बाद में तीन मौत और होने पर उनके परिजनों ने भी आवेदन दिए थे।
क्या है धारा 304
ऐसा अपराध जो हत्या की श्रेणी में आता है। वह कोई करता है तो उस पर धारा 304 के तहत कार्रवाई की जाती है। इस धारा के तहत दस वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और जुर्माना या दोनो की सजा हो सकती है।
इनका कहना
- पाटीदार हॉस्पीटल आगजनी में हुई मौतों के मामले में 304 ए को 304 में तब्दील किया गया है। प्रकरण में पांच आरोपी हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। -मनीष लौधा, टीआई माधवनगर